
चंडीगढ़: नई दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास का मंदिर गिराए जाने के विरोध के दलित समुदाय के लोगों के विरोध और धरना- प्रदर्शन के कारण पंजाब में आम जनजीवन बाधित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुछ मार्गों को बाधित किया जिसके कारण भारी जाम लग गया।
प्रदर्शनकारियों ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति केबैनर तले 13 अगस्त को बंद का आह्वान किया था साथ ही स्वतंत्रतादिवस को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। राज्य में पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन चल रहे हैं। दलित समुदायके लोगों ने मंगलवार को जालंधर सहित अनेक स्थानों परविरोध रैलियां निकालीं। यहां शिक्षण संस्थान बंद हैं। इसके अलावा लुधियाना, फगवाड़ा, नवांशहर, बरनाला, फिरोजपुर,बठिंडा, अमृतसर, मोगा और फाजिल्का में भी रैलियां निकाली गईं।
जालंधर में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, अगर हमारी मांगेंनहीं मांनी गईं तो हम अपना प्रदर्शन तेज करेंगे। हम रेल मार्ग भीबाधित करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच कांग्रेस, भाजपा और आकाली दल के नेताओं ने कहा है कि वे मुद्दे को हल करने में मदद करेंगे। माना जाता है जिस मंदिर को ढहाया गया है उस स्थान पर 1509 में गुरु रविदास गए थे।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने रविदास समुदाय के प्रति पार्टी का समर्थन व्यक्त किया है। जाखड़ ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि उनके प्रदर्शनों से आम आदमी पर विपरीत असर नहीं पडऩा चाहिए। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने मंदिर ढहाए जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहाकि वह मामले को सुलझाने के लिए और मंदिर के लिए दोबारा भूमि आवंटित किए जाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से और जरूरत पडऩे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।
शिरोमणि आकाली दल के अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद सुखबीर सिंह बादल ने भी मंदिर ढहाए जाने की आलोचना की और कहा कि उनकी पार्टी अपने खर्च पर मंदिर का दोबारा निर्माण कराने के लिए तैयार है।दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध कियाकि यह भूमि समुदाय को वापस दी जाए ताकि वे वहां दोबारा प्रार्थना स्थल बना सकें।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पुलिस बल की उपस्थिति में शनिवार की सुबह मंदिर गिरा दिया। हालांकि डीडीए ने सोमवार को अपने एक बयान में मंदिरशब्द का इस्तेमाल नहीं किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार ढांचा हटा दिया गया है। डीडीए ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति बनाम भारत सरकार के मामले में नौ अगस्त को टिप्पणी की थी कि वन क्षेत्र को खाली नहीं करके समिति ने अदालत के पहले के आदेश का गंभीर उल्लंघन किया है।