-
राज्य के सभी विभागों में लागू होगा वर्क मैनेजमेंट सिस्टम
-
की-परफॉर्मेंस इंडीकेटर्स पर मुख्यमंत्री ने ली समीक्षा बैठक
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो बड़े महकमों को अलर्ट रहने की नसीहत दी है। हिम विकास समीक्षा बैठक में की-परफोर्मेंस इंडीकेटर्स पर बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि आईपीएच विभाग यह सुनिश्चित करे कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जनित रोगों के फैलने से रोकने के लिए क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति और नियमित निगरानी सुनिश्चित हो।
सिंचाई स्कीमों को भी समयबद्ध तरीके से पूरा करें, ताकि कृषि आय को दोगुना किया जा सके। उन्होंने कमांद क्षेत्र के विकास और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में हैंडपंप लागने पर जोर दिया। छात्रों को वर्दी, बैग और लैपटॉप देने में देरी होने पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले शिक्षा सत्र के दौरान छात्रों को वर्दी, बैग, किताबें और लैपटॉप इत्यादि समय पर मिल सकें ताकि छात्रों की किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करने पड़े।
उन्होंने छात्रों के गणित और अंग्रेजी के लर्निंग ऑउटपुट को बेहतर बनाने पर विशेष रूप से बल दिया और कहा कि कैंपस प्लेसमेंट के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। लर्निंग ऑउटकम में वृद्धि होनी चाहिए ताकि राज्य शिक्षा के क्षेत्र में देश का प्रथम राज्य बन सके। जयराम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके मुकाबले में 1760 करोड़ के निवेश के लिए निजी निवेशक आकर्षित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों को कम से कम एक नई पहल के साथ आगे आना चाहिए तथा इसका प्रभावी कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
इसके लिए अधिकारियों को रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के 21 विभागों के लिए 103 मुख्य निष्पादन संकेतक निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा 26 विभागों के लिए चार सामान्य मुख्य निष्पादन संकेतक भी निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए यह एक समग्र कार्यक्रम है। सीएम ने अधिकारियों को राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को इनका शीघ्र लाभ मिल सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को नई परियोजनाओं को लागू करने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो अन्य राज्यों के लिए बैंचमार्क बन सके। उन्होंने एफआरए और एफसीए के मामलों में तेजी लाने के लिए कहा, ताकि विकासात्मक परियोजनाएं वन स्वीकृतियों के कारण प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि प्रभावी कामकाज के लिए विभागों में कार्य प्रबंधन प्रणाली को शीघ्र लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने व गुणवत्ता को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा तथा इसमें कोताही करने पर ठेकेदारों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्लास्टिक खरीद योजना को सही तरीके से लागू करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अपनी स्वच्छता और समृद्ध पर्यावरण के लिए जाना जाता है। इसे बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने पॉलिथीन खरीद योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने पर बल दिया। मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि राज्य सरकार की सभी नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची ने भी अपने विचार रखे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
जीरो बजट खेती से और किसानों को जोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग को फसल कटाई के बाद प्रबंधन और खाद्य प्रसंस्करण पर जोर देना चाहिए ताकि किसानों की उपज की मूल्य वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि राज्य देश का प्राकृतिक कृषि राज्य बन सके। लगभग 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है और लगभग 40 हजार किसानों ने वास्तविक रूप में प्राकृतिक खेती करना आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को आय वृद्धि के लिए डेयरी गतिविधियां बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।