
भाषा अकादमी ने 22 को एनआईटी में संगोष्ठी बुलाई
कांगड़ी के लेखकों से सहयोग भी मांगा अकादमी ने
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर कांगड़ी-हिंदी सॉफ्टवेयर तैयार करेगा। इस योजना पर हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी ने कांगड़ी-हिंदी-कांगड़ी अनुवाद कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन 22 को एनआईटी हमीरपुर में आयोजित किया है। एनआईटी में इस विषय पर अनुसंधान कर रही श्वेता चौहान ने बताया कि कांगड़ी-हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए लगभग एक लाख वाक्यों का डाटा तैयार किया जा रहा है। इस कार्य की सफलता के बाद कांगड़ी भाषा का हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जा सकेगा।
अकादमी सचिव डॉ. कर्म सिंह ने बताया कि हिमाचल अकादमी की ओर से कांगड़ी से संबंधित साहित्य तथा अनुवाद करवाकर डाटा उपलब्ध करवाने में सहयोग किया जा रहा है। कांगड़ी का प्रयोग सफल रहने के बाद मंडयाली, महासवी, कुल्लूई, सिरमौरी, बघाटी, चंबयाली आदि हिमाचल की अन्य बोलियों का डाटा तैयार करके उनका भी अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समय कांगड़ी बोली के लेखक विनोद भावुक, रेखा डढवाल, डॉ. विजय पुरी, वीरेंद्र शर्मा, शैली किरण, शक्ति चंद राणा, राजीव त्रिगर्ती, सोनिया आदि कांगड़ी-हिंदी अनुवाद करके एनआईटी को डाटा उपलब्ध करवा रहे हैं।
इसमें कांगड़ी का कोई भी लेखक सहयोग कर सकता है जो कांगड़ी-हिंदी अथवा हिंदी-कांगड़ी अनुवाद करके सामग्री उपलब्ध करवा सके। सचिव अकादमी डॉ. कर्म सिंह ने बताया कि एनआईटी ने यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। अकादमी ने सामग्री संकलित करने तथा अनुवाद कार्य में सहयोग तथा अनुवाद की गई सामग्री का मानदेय देने का निश्चय किया है।
कांगड़ी-हिंदी अनुवाद की पर्याप्त सामग्री एकत्रित होने तथा कंप्यूटराइज्ड कर लिए जाने के बाद एक विशेषज्ञ समिति भाषा, व्याकरण तथा वाक्य संचालन आदि विषयों का विश्लेषण किया जाएगा, जिसमें प्रख्यात भाषाविद् डॉ. एसआर शर्मा, डॉ. गौतम शर्मा व्यथित, डॉ. प्रत्यूष गुलेरी, डॉ. एसआर चौहान, डॉ. दयानन्द शर्मा, डॉ. जगतपाल शर्मा, जगदीश शर्मा, डॉ. कुमार सिंह सिसोदिया आदि विद्वान शामिल होंगे।