
राजेश मंढोत्रा। नई दिल्ली
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि उनका मंत्रालय विद्युत उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सुविधा के लिए काम कर रहा है। Energy Exchange में बिजली की उपलब्धता और कीमत को इसलिए विद्युत प्रवाह के रूप में Online किया गया, ताकि बेचने और खरीदने वाले दोनों को Rate का पता हो। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री नई दिल्ली में हिमाचल दस्तक से बातचीत कर रहे थे। पीयूष गोयल से पूछा गया था कि विद्युत प्रवाह के कारण बिजली की Sale Purchase बेशक पारदर्शी हुई हो, लेकिन इससे Himachal जैसे Power Surplus राज्यों को नुकसान भी हुआ है।
चूंकि Exchange में 2 से 3 रुपये प्रति यूनिट में बिजली उपलब्ध है, तो Himachal से कोई Long Term agreement नहीं कर रहा, जिससे बिजली का Rate अच्छा मिलता है। इससे राज्य के ऊर्जा क्षेत्र का नुकसान हो रहा है। जवाब में गोयल ने कहा कि Hydro को कुछ प्रोटेक्शन पहले से है, इसे और बढ़ाने पर नीति आयोग विचार कर रहा है। वहां से जब सिफारिश आएगी तो मंत्रालय इस पर काम करेगा। यानी ये संभव है कि जिस तरह सोलर और थर्मल पावर के लिए राज्यों को Purchase Obligation है, वैसी ही Hydro के लिए भी हो। वर्तमान में हिमाचल को भी कुल ऊर्जा जरूरत में 8 फीसदी सोलर और 4 फीसदी थर्मल पावर खरीदने की Obligation है।
Comments