
सराज के तीन देवी देवता करते है शिरकत, इस साल मेले को 85 वर्ष हो गए
हिमाचल दस्तक, चेतनलता कौशल। जंजैहली
23 श्रावण को मनाए जाने वाला काला कामेश्वर का मेला संपन्न हुआ। दो दिन तक चल रहे मेले में मुख्य आकर्षण देवी-देवताओ का नृत्य रहा। पंचायत ढीमकटारू में यह मेला चोलथाच नामक जगह पर मनाया जाता है। इस मेले में मुख्यतः तीन देवी-देवता आते हैं जिसमे देवी महामाया, देव कमरू नाग और देव काला कामेश्वर से मेले का आगाज होता है।
रात्रि को नाट हुआ और उसके दुसरे दिन तक मेला चलता रहा। हालांकि यह नाट शराबी व शरारती तत्वों की वजह से यह खत्म करना पड़ा था। जिससे कई वर्षों नाट नहीं हुआ। लेकिन अब यह नाट दो-तीन सालों से फिर से शुरू कर दिए गए हैं। इस मेले का आगाज भी गांव के एक घर से ही हुआ है।
पहले यहां मेला नहीं होता था। मगर देवता के आशीर्वाद से 85 वर्ष ब्राह्मण परिवार को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। उसका नाम भी शाऊणू राम शर्मा रखा गया। क्योंकि वह श्रावण मास में पैदा हुए। आज वह 85 वर्ष हो गए हैं। यह मेला पारंपरिक ढंग से होता है और वड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।