- बनी टॉप 20 में आने वाली पहली हिमाचली गर्ल
- रेलवे में देंगी अपनी सेवाएं
- माँ के सपने को आईईएस बन किया साकार
- देश भर से दो लाख से अधिक थे आवेदन
हेमेंद्र कंवर। कसौली : हिमाचल के कसौली से संबंध रखने वाली 26 वर्षीय शुचिता अरोड़ा ने ऑल इंडिया आईईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज) में टॉप 16 रैंक हासिल किया है। इसके साथ ही इस युवा ने हिमाचल में भी टॉप करते हुए यह कारनामा करने वाली पहली हिमाचली लड़की होने का सम्मान हासिल किया है।
हिमाचल की इस बाला को भारतीय रेलवे में बतौर अधिकारी अपनी सेवाएं देने का अवसर मिलेगा। अपने दूसरे ही प्रयास में 26 साल की शुचिता ने कामयाबी की सबसे बड़ी सीढ़ी को पार कर लिया। आईईएस एग्जाम में 16वां रैंक हासिल करने के लिए शुचिता ने देश भर के दो लाख से अधिक युवाओं के साथ यह प्रतिस्पर्धा की है। यह परीक्षा भारत में सबसे कठिन मानी जाने वाली आईएएस परीक्षा के बराबर ही मानी जाती है। इससे पहले वह एनआईटी हमीरपुर से बी-टेक भी कर चुकी हैं। शुचिता के पिता सुनिल अरोड़ा व माता वीना अरोड़ा भी बेटी की इस उपलब्धि से खासे खुश हैं।
माँ का सपना था आईईएस
शुचिता ने हमारे प्रतिनिधि से बातचीत में कहा कि वह हमेशा से इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक रही हैं। उनकी माँ भी चाहती थी कि वह आईईएस के एग्जाम को पार करे और देश के लिए अपनी सेवाएं दे। जिसे आज वह पूरा कर बेहद खुश हैं। पिता सुनिल अरोड़ा सीआरआई कसौली में जॉइन्ट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। जिनका बेटी की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा रोल रहा है।
डिस्ट्रैक्शन से बचना जरूरी
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए आपका उस फोकस करना जरुरी है। शुचिता ने कहा कि वह भी फेसबुक व व्ट्स ऐप्प का प्रयोग कर रही थी जिसने उसे अपने लक्ष्य से डिस्ट्रैक्ट भी किया और पहले प्रयास में वह विफल रही। इसके बाद उसके भाई शिवम ने उसे इस प्रकार के डिस्ट्रैक्ट करने वाली चीजों से दूरी बनाने की सलाह दी। जिसके बाद दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता भी मिली। हर परीक्षा में टॉप करने वाली शुचिता के लिए भी यह पहला मौका था जब वह किसी परीक्षा में विफल रही और इस दौरान वह काफी निराश की स्थिति में भी रही।