एजेंसी। नई दिल्ली
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और इरडा को एक रिपोर्ट पर नोटिस भेजे हैं, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के संपर्क में आने का अधिकतम जोखिम झेल रहे स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा समूह मेडिक्लेम खरीदने पर उनसे ऊंचा प्रीमियम मांगा जा रहा है या उन्हें यह सुविधा प्रदान करने से इंकार किया जा रहा है।
खबर है कि कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामले और कोविड-19 से इतर कार्य कर रहे निजी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए बीमा प्रीमियम पर सरकार की तरफ से चीजें बहुत स्पष्ट नहीं करने के कारण सही बीमा पॉलिसी का पता लगा पाना मुश्किल हो रहा है। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि इसमें कहा गया है कि अधिकतर चिकित्सकों के पास जहां मेडिकल कवर है, वहीं उन्हें अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
आयोग ने कहा कि उसने इस सिलसिले में मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है। इसने कहा कि आयोग ने बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।