- एमसी ने जताई पार्किंग संचालन की इच्छा
- जिला प्रशासन कर रहा कंपलीशन सर्टिफिकेट का इंतजार
राजेश कुमार। धर्मशाला : प्रदेश की दूसरी राजधानी में करोड़ों की बनी पार्किंग अभी तक जिला प्रशासन के नाम नहीं हो पाई है। आलम यह है कि डीसी कार्यालय के बाहर बनी दो मंजिला पार्किंग का एक ही हिस्सा इस्तेमाल हो पा रहा है, जबकि दूसरी मंजिल पर लावारिस पशु डेरा जमाए हुए हैं, जिसकी वजह से गंदगी का आलम व्याप्त है।
वहीं दूसरी ओर नगर निगम ने इन पार्किंगों के संचालन की इच्छा जताई है, जबकि जिला प्रशासन है कि पार्किंग के कंपलीशन सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहा है। पर्यटन नगरी में यातायात दबाव लगातार बढ़ रहा है। यातायात दबाव के चलते पार्किंग का ज्वलंत मुद्दा है, जो कि सभी के लिए सिरदर्द बना हुआ है। तीन साल पहले धर्मशाला में एशियन डिवेलपमेंट बैंक के तहत करोड़ों रुपयों की लागत से मिनी सचिवालय और डीसी कार्यालय के बाहर पार्किंग का निर्माण किया गया है, लेकिन अभी तक यह पार्किंग जिला प्रशासन को ही हैंडओवर नहीं हो पाई है।
हालांकि नगर निगम भी चाहती है कि वह इसका संचालन करे, लेकिन जिला प्रशासन को अभी तक इन पार्किंग का कंपीशन सर्टिफिकेट ही नहीं मिल पाया है। डीसी कार्यालय के बाहर बनी पार्किंग की धरातल मंजिल पर तो असहाय पशु आराम फरमाते नजर आते हैं। यहां यह कहना गलत न होगा कि शहर में विकराल होती जा रही पार्किंग समस्या से निपटने के लिए बनाई गई पार्किंग का भी लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
नगर निगम ने एक साल पहले जिला प्रशासन से उठाया था मामला
नगर निगम ने यहां निर्मित पार्किंग के संचालन की इच्छा जताते हुए इस मामले को जिला प्रशासन के समक्ष उठाया था, लेकिन न तो बात सिरे चढ़ी और न ही पार्किंग समस्या का समुचित समाधान अभी तक हो पाया है। नगर निगम का कहना है कि वैसे भी डीसी कार्यालय के बाहर बनी पार्किंग का एक ही हिस्सा यूज हो रहा है, जबकि दूसरे हिस्से में असहाय पशुओं का डेरा जमा रहता है। ऐसे में जिला प्रशासन, इन पार्किंग को नगर निगम के हवाले करता है तो इसका बेहतर संचालन करके लोगों को अच्छी पार्किंग सुविधा प्रदान की जा सकती है।
एक साल पहले जिला प्रशासन से इस संबंध में बात हुई थी कि डीसी कार्यालय के बाहर बनी पार्किंग को नगर निगम को सौंपा जाए। ऐसे में अभी भी जिला प्रशासन पहल करते हुए पार्किंग को संचालन हेतू नगर निगम को देता है, तो हम उसे बेहतर ढंग से चला सकते हैं। डीसी कार्यालय के पास जो पार्किंग बनी हैं, उनकी एक ही मंजिल का यूज हो रहा है, जबकि दूसरी मंजिल का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन, नगर निगम को पार्किंग उपलब्ध करवाए तो हम इसे बेहतर ढंग से चला सकते हैं।
-देवेंद्र जग्गी, मेयर, नगर निगम धर्मशालापार्किंग में दो इश्यू थे, इसको लेकर पहले भी बैठक हुई है। पार्किंग का निर्माण एडीबी के माध्यम से किया जा रहा है। यह प्रॉपर्टी जिला प्रशासन को हैंडओवर नहीं हुई है। शहर में पार्किंग की समस्या के चलते ही अभी इस पार्किंग को चलाया जा रहा है। यह पार्किंग जब हमें हैंडओवर हो जाएगी, उसके बाद तय किया जाएगा कि इसे ठेके पर दिया जाएगा या फिर कोई सरकारी एजेंसी इसे चलाएगी। अभी तक इसकी कंप्लीशन का सर्टिफिकेट हमारे पास नहीं आया है, वह जब आएगा, उसके बाद ही इसे बारे में कुछ कहा जा सकता है।
-राकेश प्रजापति, डीसी, जिला कांगड़ा