हिमाचल दस्तक। ऊना
मुख्यालय के साथ लगते गांव कुरियाला में जल शक्ति विभाग की सिंचाई योजना किसानों के लिए वरदान के बजाय अभिशाप बनती जा रही है। इस योजना से जहां सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध हो रहा है, वहीं हर समय होने वाली लीकेज कुछ किसानों की फसलों को बर्बाद करने का काम कर रही है। सालों से हो रही इस लीकेज के बारे में ग्रामीण जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक सबको मौखिक और लिखित रूप में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है। हालत यह है कि किसान वर्ष 2014 से विभाग को इस लीकेज के संबंध में शिकायतें करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
विभाग के आला अधिकारी ग्रामीणों को 2 साल पहले यह आश्वासन दिया था कि इस योजना के लिए नई डीपीआर तैयार कर ली गई है। मार्च, 2018 से तैयार इस डीपीआर पर कोई काम नहीं हो पाया।
यह पाइपलाइन जमीन के अंदर न होकर जमीन के बाहर ही खुली छोड़ी गई है। खेतों में हल जोतने के लिए लाए जाने वाले ट्रैक्टर से अकसर यह पाइप लाइन टूट जाती है, वहीं विभाग की एक चेतावनी ने किसानों के होश भी उड़ा दिए हैं। इसमें कहा गया है कि यदि सरकारी लाइन को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विभाग कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाएगा। अब किसानों ने विभाग की चेतावनी के डर से खेतों को जोतना भी बंद कर दिया है जिससे उनके कृषि कारोबार पर भी बुरा असर पडऩे लगा हैै।
जल शक्ति विभाग के एक्सईएन अरविंद सूद का कहना है कि इस स्कीम की पाइप लाइन पूरी तरह से बदलने का टेंडर हो गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या पेश न आए।