धर्मशाला : राजेश कुमर :
कोरोना योद्धा का खिताब हर उस कर्मचारी को मिलना चाहिए जो कोविड-19 आपदा के समय अपनी सेवाएं राहत कार्य में दे रहे हैं । साथ ही हर कर्मचारी का 50 लाख का बीमा होना चाहिए जो इस आपदा में अपना सहयोग कर रहे हैं । पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा राज्य अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान कमर्चारियों का डैथ रेट ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश में 700 के करीब प्राइमरी शिक्षक कर्मचारी मर चुके है जो कोरोना के समय में चुनावी ड्यूटियों व कोरोना बचाव कार्यों में लगे हुए थे और साथ ही अन्य विभागों में भी बहुत से कर्मी मौत का ग्रास बने हैं । हिमाचल प्रदेश में भी ज्यादातर कर्मी चुनावों व कोरोना बचाव कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उस कर्मचारी की क्षति पूर्ति के लिए उसके परिवारजनों के लिए किस प्रकार की बीमा योजना है, जबकि उतर प्रदेश की तर्ज पर 50 लाख बीमा योजना की घोषणा होनी चाहिए । हालांकि हिमाचल में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन पुलिस के लिए इस योजना की घोषणा हुई है परन्तु अन्य विभागों के कर्मचारी जो कोरोना बचाव में कार्यरत है और पानी, बिजली जैसी सुविधाएं भी मुहैया करवा रहे हैं ।
आशा वर्कर घर -घर जाकर जानकारी मुहैया करवा रही हैं बहुत से कर्मचारी कोविड सेंटर्स में सेवाएं दे रहे है तो इनका बीमा भी जरूरी है । संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि वैसे ही बहुत से कर्मी पेंशन से वंचित हैं, लेकिन रात दिन कोरोना बचाव कार्य कर रहे हैं । अगर कोरोना के कारण किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार के लिए 50 लाख बीमा राशि के साथ-साथ पुरानी पेंशन देने की घोषणा भी होनी चाहिए । मोर्चा ने सरकार से आग्रह किया है कि कोविड 19 बचाव कार्यों में लगे हर कर्मी को समानता के अधिकार के तहत कोरोना योद्धा समझा जाए व उनका स्पेशल बीमा किया जाए ताकि कर्मचारियों के परिवारों का भविष्य सुरक्षित रहे ।