चेतनलता। जंजैहली
कोरोना महामारी ने हर वर्ग को मुश्किल दौर में लाकर खड़ा कर दिया है। उद्योग से लेकर कामगार तक भी इससे बच नहीं पाए हैं। ऐसे में फूल उत्पादक भी इसकी मार से बच नहीं पाए हैं। वैश्विक महामारी के चलते करोड़ों के फूल इस बार नहीं बिक सके। सराज घाटी के जंजैहली थुनाग, मुरहाग, बगस्याग व साथ लगते गोहर के पुष्प उत्पादकों को लॉकडाउन के चलते इस बार लाखों का नुकसान झेलना पड़ा है। पुष्प उत्पादक, मनोज, खेमराज, भूपसिंह, रामसिंह, रविंद्र निकेराम, इंदर सिंह, जयवर्धन, तुलसी, भूपेंद्र, टिकम राम, लाल सिंह सहित अन्य सराज वासी इस बार बहुत प्रभावित हुए हैं। गोहर के रविंद्र कुमार ने बताया कि इन्हें फूल उत्पादन करते हुए करीब चार-पांच वर्ष हो गए हैं और इससे अच्छी-खासी आय भी प्राप्त होती रही है। उन्होंने बताया कि उनके 1500 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस में 30000 कारनेशन के पौधे लगाए हैं। यह फूल दिल्ली समेत कई राज्यों में भारी डिमांड रहती है। प्रसिद्ध मंदिरों, नवरात्रों, विवाह, जन्मदिन सहित अन्य समारोहों में भी ये फूल अधिक बिकता है। इसकी इतनी डिमांड होती है कि पहले ही बुकिंग करनी पड़ती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते ये फूल नहीं सके और ग्रीन हाउस में ही मुरझा रहे हैं। पुष्प उत्पादकों ने सरकार से इस क्षतिपूर्ति के लिए मदद के लिए गुहार लगाई है, ताकि कुछ भरपाई हो सके। इस बारे में सराज के बागबानी विकास अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सरकार ने फूलों की खेती को हुए नुकसान का ब्यौरा मांगा था, जो भेज दिया है।