अजय शर्मा। बंगाणा
प्रदेश में कहावत प्रसिद्ध है कि दादा की कुर्सी पर पोता जरूर बैठता है और यह कहावत कुटलैहड़ के चौथी बार अपनी जीत सुनिशिचत करके वर्तमान में जयराम सरकार में ग्रामीण विकास पंचायती राज मत्स्य पशुपालन एवं कृषि विभाग के मंत्री वीरेंद्र कंवर के सुपुत्र दीपांकर कंवर ने सिद्ध कर दी है। क्योंकि कभी दीपंकर कंवर के दादा रिटायर सूबेदार स्व. जगजीत सिंह अपनी गृह पंचायत के सरपंच हुआ करते थे। आज उसी कुर्सी पर उनके पोते से निर्विरोध ग्राम पंचायत प्रधान बनकर कब्जा जमा लिया है।
बता दें कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर की गृह ग्राम पंचायत पलाहटा पूरी की पूरी सर्वसम्मति से बन गई है और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के सुपुत्र और युवा भाजपा नेता दीपांकर कंवर आयु 27 को वर्ष प्रधान बनाया गया है। बताते चले कि इसी पलाहटा पंचायत से निर्विरोध प्रधान बने दीपंकर कंवर के दादा भी ग्राम पंचायत प्रधान रहे है और अब पोते दीपंकर कंवर ने भी अपनी गृह पंचायत पलाहटा से ग्राम पंचायत प्रधान बनकर अपनी राजनीति पारी शुरू की है। निर्विरोध प्रधान चुने गए दीपंकर कंवर अपने गृह स्कूल से मैट्रिक प्लस टू करने के बाद एलएलबी की डिग्री हासिल की है।
पंचायत के उपप्रधान शक्ति सिंह, वार्ड सदस्यों में अलका देवी, कमलेश कुमार, ममता देवी, विपन कुमार एवं सुरजीत सिंह को सर्वसम्मति से बनाया गया है। कुटलैहड़ में यह भी पहली बार हुआ है कि पूरी ग्राम पंचायत पर जनता ने सहमति जताते हुए सर्वसम्मति से बनाया है। उधर, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्राम पंचायत पलाहटा की जनता मेरा परिवार है और मैं उस पंचायत के परिवार का सदस्य हूं।