शिमला:राज्य में पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के 13 शहरों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए विश्व बैंक ने एक बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। 200 मीलियन डॉलर यानी करीब 1400 करोड़ रुपये का ये प्रोजेक्ट डेवल्पमेंट पॉलिसी लोन के दूसरे चरण में मंजूर हुआ है। ये जानकारी विधानसभा में वक्तव्य रखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डेवल्पमेंट पॉलिसी लोन के पहले चरण में शिमला जल प्रबंधन निगम के माध्यम से शिमला वाटर सप्लाई एंड सीवरेज प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। वल्र्ड बैंक ने इसके लिए 280 करोड़ रुपये मंजूर किए थे और इसकी शत-प्रतिशत लागत वहन की थी। ये राशि राज्य सरकार को मिल चुकी है। भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने 22 अगस्त 2019 को आयोजित त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक में इस प्रोजेक्ट के काम पर संतुष्टि जताते हुए डीपीएल टू के लिए भी सैंद्धातिक मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 से 23 नवंबर 2019 को वल्र्ड बैंक का मिशन हिमाचल के दौरे पर आया था। इस मिशन ने पूरे प्रदेश के 13 शहरी निकायों में दूसरे चरण को लागू करने के लिए 1400 करोड़ के प्रोजेक्ट को सौ फीसदी आर्थिक सहायता देने को सहमति दे दी है। अब एमओयू साइन होते ही ये प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। इसके तहत 13 शहरों में केवल पेयजल और सीवरेज पर ही काम होगा। लेकिन इसके लिए हिमाचल सरकार को स्टेट लेवल की एक कंपनी तैयार करनी होगी, जैसा कि शिमला में एसजेपीएनएल बनाकर किया गया था।
ये शहर शामिल होंगे इस प्रोजेक्ट में
इस प्रोजेक्ट में जिन 13 शहरों को लिए जाने का प्रस्ताव है, उनमें मनाली, कुल्लू, भुंतर, डलहौजी, धर्मशाला, सोलन, पालमपुर, ज्वालाजी, सुंदरनगर, नेरचौक और शिमला शहर का रूरल एरिया शामिल है। हालांकि शहरों के चयन पर अभी कैबिनेट में फैसला होगा। एक बार मुख्य सचिव के स्तर पर इस पर कार्ययोजना बन चुकी है। लेकिन इस पर अभी सरकार की मुहर लगनी बाकी है। ये प्रोजेक्ट इन शहरों में 24 घंटे सातों दिन पानी देगा।