एनजीटी की समीक्षा बैठक में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने दी जानकारी, घग्गर, सरसा और मारकंडा के पानी को साफ करने के लिए एक्शन प्लान
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : घग्गर, सरसा और मारकंडा नदी को प्रदूषित करने वाले 150 छोटे-बड़े उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक साल में नोटिस जारी कर एक करोड़ 64 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है। बोर्ड ने 109 लोकेशन पर सरफेस वाटर के सैंपल भरे थे। वहीं 39 लोकेशन पर अंडरग्राउंड वाटर के सैंपल लिए थे।
इनमें से 37 जगहों पर पानी में बीओडी की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई और संबंधित क्षेत्र के उद्योगों की चैकिंग के बाद नियमों को ताक पर रखने वोल 150 उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। बोर्ड ने नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किए गए कार्यों की रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी है। शनिवार को चंडीगढ़ में तीन राज्यों हिमाचल, पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपी।
नदियों के पानी को शुद्ध बनाने के लिए बोर्ड ने योजना के तहत संबंधित क्षेत्रों में एक लाख 59 हजार 610 वाटर एंड एयर प्योरीफाई पौधों को रोपा गया, इसके अलावा पानी की शुद्धता को मापने के लिए रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम स्थापित किए गए। यह मॉनीटरिंग सिस्टम परवाणु में कौशल्य नदी पर, काला अंब में मारकंडा नदी पर, बद्दी में सरसा नदी में स्थापित किया जा रहा है। घग्गर और सरसा नदी को बचाने के लिए 53 उद्योगों को रिवर रिजूविनेशन एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया।
सिरसा नदी में एसटीपी प्लांट बनाने के लिए तीसरे चरण का काम जारी है। सुखना नदी में 1 एमएलडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कालाअंब में उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए पांच एमएलडी के सीईटीपी प्लांट स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।
घग्गर, सरसा और मारकंडा नदी को दृषित होने से बचाने के लिए बोर्ड ने एक साल में 150 उद्योगों को नोटिस जारी कर 1 करोड़ 64 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है। इसकी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है।
-आदित्य नेगी, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड