एजेंसी। बीजापुर
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में रविवार को 17 और जवानों के शव बरामद किए गए हैं। सूबे के डीजी डीएम अवस्थी ने इस बात की पुष्टि की है। अब तक कुल 22 शव बरामद बरामद हो चुके हैं। अब भी एक जवान लापता है। कुल 31 जवान घायल हैं। यह इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इस हमले में 8 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए हैं जबकि एक लापता है।
वहीं राज्य पुलिस के 14 जवान शहीद हुए हैं। शनिवार को इस हमले में नक्सलियों ने देसी रॉकेट लांचर और एलएमजी का इस्तेमाल किया था। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर में यह ऑपरेशन चलाया था। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान नक्सलियों के सबसे बड़े पीपुल्स लिबरेशन गु्रप आर्मी प्लाटून वन में से एक हिडमा के गढ़ में था। सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस को खबर थी कि नक्सलियों का बड़ा दुर्दांत कमांडर हिडमा इस हमले से ही 1 किलोमीटर की दूरी पर पोवर्ती गांव में है जिसके बाद सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था।
सुरक्षाबलों पर यह हमला नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन गु्रप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने किया है जिसका नेतृत्व हिडमा ही करता है। सुरक्षाबलों को भी इस ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है और नक्सल काडर के 15 नक्सली मारे गए हैं, लेकिन जैसे ही अंदर सुरक्षा बल जा रहे थे नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया।
मास्टरमाइंड है 40 साल का कमांडर हिडमा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अबतक 22 जवानों के शव बरामद हुए हैं और एक जवान अब भी लापता है। इस हमले के पीछे टॉप नक्सल कमांडर हिडमा का नाम सामने आ रहा है। वह कई हमलों में शामिल रहा है और निर्मम हत्याओं के लिए कुख्यात है। यह हमला अचानक नहीं हुआ। इस हमले के पीछे सोची-समझी साजिश बताई जा रही है।
हिडमा की उम्र करीब चालीस साल है। वो सुकमा जिले के पुवार्ती गांव का रहने वाला है। उसने 90 के दशक में नक्सली हिंसा का रास्ता चुना और तबसे कई निर्दोष लोगों की जान ले चुका है। वह माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) बटालियन-1 का हेड है और ऐसे घातक हमले करता रहता है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली कमांडर हिडमा के छिपे होने की जानकारी सुरक्षाबलों को मिली थी। इसके बाद शुक्रवार शाम को सुरक्षाबलों ने बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर पडऩे वाले जोनागुडा इलाके में ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया। पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा देसी रॉकेट लांचर से। इस हमले में 200 से 300 नक्सली शामिल थे। इस हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए हैं, जबकि कई घायल हो गए हैं। करीब 15 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है।
नक्सलियों ने तीन तरीकों से किया हमला
नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया। पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और देसी रॉकेट लांचर से करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षाबलों की टुकड़ी पर टूट पड़ा था। नक्सलियों के इस अंतिम गढ़ में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन समाचार लिखे जाने तक जारी था। शनिवार को सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों और पुलिस ने सामूहिक रूप से अभियान चलाया था।
हमेशा याद रहेंगी कुबार्नियां
छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर नक्सली हमले में सुरक्षा बलों के 22 जवानों की शहादत पर पूरा देश गमगीन है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर दुख जताया है। साथ ही 31 घायल जवानों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नक्सली घटना में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद से लड़ते हुए शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों की मौत से उन्हें गहरी पीड़ा पहुंची है।
उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि राष्ट्र उनके इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। पीएम मोदी ने नक्सली हमले में जवानों की शहादत पर दुख जताते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वीर शहीदों की कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।