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जीवन ऋषि: धर्मशाला
दुनिया भर में मशहूर हिमाचली चावल इस सीजन नया इतिहास रचने जा रहा है। प्रदेश में कृषि विभाग खरीफ के इस सीजन मेें करीब 8 लाख किसानों के लिए धान की 4 नई उन्नत किस्में लाया है। इसके अलावा मक्की की 5 नई किस्में प्रदेश में आई हैं। इन दिनों धान और मक्की की बिजाई शुरू हो जाती है। धान की नई किस्मों में अराइज 6508, स्टार 795, सावा 200 व सीरी 2266 जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं। ये तमाम किस्में जहां स्वाद में गजब की हैं, वहीं इनकी प्रोडक्शन भी पारंपरिक धान से कई गुना ज्यादा होती है। मौजूदा समय में प्रदेश के लाखों किसान हाईब्रिड बीजों पर ज्यादा भरोसा जताते हैं।
किसानों की इसी च्वाइस को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने यह फैसला लिया है। गौर रहे कि प्रदेश में पहले से ही सरकार द्वारा अनुमोदित धान की करीब 30 किस्में हैं, जिनमें से कुछ को समय समय पर अपग्रेड किया जाता है। प्रदेश में कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, ऊना, सोलन आदि जिलों में धान की प्रमुख रूप से पैदावार होती है। कांगड़ा, मंडी, चंबा जिलों की बासमती की दुनिया भर में मांग रहती है।
ये हैं मक्की की नई किस्में
प्रदेश में मक्की की पांच नई किस्में लांच हुई हैं। इनमें बी-52,पीजी-2444, के-25 गोल्ड, व्यासा सुपर और सूमो 292 जैसे नामी ब्रांड शामिल हैं। साल 1951-52 में प्रदेश में मक्की की पैदावार 67 हजार टन थी, जो 2018 में 644 हजार टन हो गई।
हिमाचल की आर्थिकी में चावल की अहमियत
हिमाचल में चावल ने बड़ा सफर तय किया है। साल 1951-52 में प्रदेश में चावल की प्रोडक्शन 28 हजार टन थी। यह लाखों की किसानों की मेहनत का परिणाम है कि साल 2018 में चावल की प्रोडक्शन 117 हजार टन दर्ज की गई।
चंबा-कांगड़ा में होता है लाल चावल
चंबा, कांगड़ा और मंडी के कुछ क्षेत्रों में लाल चावल पाया जाता है। सालाना 9926 क्विंटल चावल की पैदावार दर्ज की गई है। एक हेक्टेयर में 10 क्विंटल लाल चावल दर्ज किया गया है। रेड राइस अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
किसानों को छूट, ऐसे खरीदें
कृषि उपनिदेशक राहुल कटोच कहते हैं कि ये सारे धान बीज किसानों को सस्ते दामों पर दिए जा रहे हैं। इनकी कुल कीमत 200 रुपये किलो है। प्रति किलो 95 रुपये सबसिडी दी जा रही है। ऐसे में एक किलो धान बीज 105 रुपये किलो मिलेगा। इसी तरह मक्की का बीज 90 रुपये किलो है, जिस पर 40 रुपये सबसिडी दी जा रही है। यह किसानों को 50 रुपये किलो दिया जाएगा। सरकारी विक्रय केंद्रों से किसान बीजों को खरीद सकते हैं।