शिमला :
राज्य में आगामी पंचायत चुनाव से पहले नई पंचायतों के गठन के मामले में नया रिकॉर्ड बन सकता है। इस बार 400 से ज्यादा प्रस्ताव पंचायतों का विघटन कर नई ग्रामसभा बनाने के आए हैं। इन प्रस्तावों और आवेदनों की स्क्रीनिंग पंचायती राज विभाग ने अपने स्तर पर कर ली है।
अब कैबिनेट की आगामी बैठक में इस पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दी जा रही है कि नई पंचायतों के गठन का मुख्य आधार किसे बनाया जाना है? यदि सरकार की अप्रोच ज्यादा खुली रही तो 100 से ज्यादा नई पंचायतें भी और बन सकती हैं। वर्तमान में राज्य में पंचायतों की संख्या 3226 है। यदि पंचायतें और गठित हुई तो संभव है कि बीडीसी और जिला परिषद के वार्डों के दायरे में भी दोबारा से तय करने पड़ें।
राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव अक्तूबर या नवंबर में होने हैं। यानी दिसंबर, 2020 तक नई चुनी हुई पंचायत चाहिए। ऐसे मेें सरकार को भी नई पंचायतों के गठन पर 31 मार्च से पहले फैसला लेना होगा, क्योंकि फिर वोटर लिस्ट भी उसी दायरे के हिसाब से बनेगी। वोटर लिस्ट चुनावी प्रक्रिया का सबसे पहला काम है, जो पुनगर्ठन के बाद ही शुरू होता है।
नेताओं के मार्फत भी आए हैं आवेदन
इस बार 400 से ज्यादा आवेदन नई पंचायतों के लिए आए हैं। हालांकि इनमें से करीब 50 फीसदी ही कुछ व्यावहारिक लग रहे हैं। इनमें से भी 20 फीसदी से ज्यादा आवेदन राजनेताओं को दौरे के दौरान दिए गए कागज वाली प्रक्रिया के हैं। ऐसे कुछ केस भी हैं, जहां एक पंचायत दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटी हुई है। कुछ प्रस्ताव भौगोलिक बाधाओं के आधार पर भी हैं। हालांकि पंचायती राज विभाग कुछ मतदाताओं की संख्या के आधार पर इन आवेदकों की स्क्रीनिंग कर रहा है।
नई पंचायतों के गठन के लिए आए आवेदनों की स्क्रीनिंग हो रही है। पूरा डाटा अब कैबिनेट में रखा जा रहा है। जो सरकार आदेश देगी, उसी अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे।
-डॉ. आरएन बत्ता, सचिव पंचायती राज