हिमाचल दस्तक। बद्दी
जीएसटी सतर्कता निदेशालय हिमाचल प्रदेश ने गगरेट व बीबीएन में 50 करोड़ की नकली बिलिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह सारा ताना-बाना बीबीएन के स्टील और लौह उद्योगों में रचा गया। इस मामले का भंडाफोड करने के लिए सतर्कता निदेशालय बद्दी की टीमों ने पंजाब व हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर दबिश दी थी।
इस मामले में एक आरोपी को मंडी गोविंदगढ़ (पंजाब) से गिरफ्तार किया गया है, जिसको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उपनिदेशक बद्दी क्षेत्रीय कार्यालय हरविंद्र पाल सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि हिमाचल एवं पंजाब की बड़ी-बड़ी औद्योगिक कंपनियां इन जाली बिलों को जारी करने में संलिप्त हैं।
इस मामले में ज्यादा खुलासा इसलिए नहीं किया जा रहा है ताकि बाकी आरोपियों की धर पकड़ की जा सके। उन तक पहुंचने के लिए अलग से सबूत भी जुटाए जा रहे हैं। उप निदेशक ने कहा कि टैक्स को चूना लगाने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी जीएसटी सतर्कता निदेशालय ने जाली बिलिंग के मामले में चंडीगढ से एक व्यक्ति को गिरफतार किया था और उसको न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
कैसे की जाती है जाली बिलिंग
इस मामले में हिमाचल में अलग-अलग हिस्सों में स्थापित लोहा व स्टील मिल्स पंजाब की कंपनियों से कबाड़ खरीदने का ढोंग रचती हैं और जीएसटी क्लेम करती हैं। सूत्रों ने बताया कि हिमाचल के कुछ लोहा उद्योग पंजाब की कंपनियों से कबाड़ के बिल लेते हैं जबकि कबाड़ कहीं और से लेते हैं । दो नंबर में जाली कंपनियां 2 या तीन माह तक हिमाचल की कंपनियों को कबाड देती हैं कागजों में जीएसटी लगाकर और संबंधित फैक्ट्रियां उस टैक्स को क्लेम कर लेती हैं। इसी तरह सरकार को चूना लगाया जाता रहा। सिर्फ नाम के लिए पंजाब में कई कंपनियां स्थापित की जाती हैं और जीएसटी नंबर भी लिया जाता है। जब जांच होती है तब तक इन नकली फर्म को बंद करवा दिया जाता है।