टेकचंद वर्मा : शिमला
प्रदेश में चार माह यानी जनवरी से अप्रैल तक 763 सड़क हादसे पेश आए हैं। इन हादसों में 320 लोग मौत का ग्रास बने हैं, जबकि 1242 लोग घायल हुए हैं। इन दुर्घटनाओं की बीते साल से तुलना की जाए तो प्रदेश में इस साल हादसे कम हुए हैं। राज्य में बीते साल के मुकाबले 22 हादसे कम हुए हैं। ऐसे में प्रदेश में हादसों पर अंकुश लगाने के लिए अभी भी लोगों को और ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा हादसे खतरनाक ड्राइविंग के चलते पेश आए हैं। चार माह में खतरनाक ड्राइविंग के चलते 306 हादसे पेश आए हैं, जबकि बीते वर्ष खतरनाक ड्राइविंग के कारण केवल मात्र 131 हादसे पेश आए थे। राज्य में ओवरस्पीड, ब्लाइड मोड, खतरनाक ओवर टैकिंग और टर्निंग विदआउट कैयर के चलते भी हर माह काफी संख्या में हादसे पेश आ रहे हैं।
परिवहन विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए चलाए हैं जागरूकता अभियान
परिवहन विभाग की ओर से जनता को जागरूक करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रमोंं का आयोजन किया जा रहा है। विभाग की ओर से हादसों से बचने के लिए स्कूली स्तर पर भी जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी प्रदेश में हर माह काफी संख्या में हादसे पेश आ रहे हंै। इन हादसों में कई लोगों की जान जा रही है। परिवहन विभाग से प्राप्तजानकारी के तहत राज्य में सबसे ज्यादा हादसे कार और मोटरसाइकिल के पेश आ रहे हैं।
कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
जिला बार आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो कांगड़ा जिले में हर माह सबसे अधिक हादसे पेश आ रहे हैं। शिमला व मंडी में भी हर माह हादसे हो रहे हैं। परिहवन विभाग की ओर से प्रदेश में जनता को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है। कोविड के चलते यह जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो पाया था। अब बंदिशों के खत्म होने पर परिवहन विभाग फिर से लोगों को जागरूक करने के लिए जागरू कता कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर जनता को हादसों से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा।