हर ब्लॉक के नेता से मंजूरी होगी जरूरी, कार्यकारिणी में नए चेहरों को प्राथमिकता
अरविंद शर्मा। शिमला : प्रदेश कांग्रेस की सभी कार्यकारिणियों को भंग कर दिया गया है। अब कांग्रेस हाईकमान ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि प्रदेश की सभी कार्यकारिणियों में एक माह में सबकी नियुक्तियां करें।
हाईकमान ने साथ में यह भी आदेश दिया है कि नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए संबंधित ब्लॉक के नेता की मंजूरी लेना भी अनिवार्य होगा। संबंधित ब्लॉक नेता की मंजूरी से किसी भी पदाधिकारी की नियुक्ति को रद कर दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने यह फरमान इसलिए भी जरूरी किया है कि इसमें अब किसी की भी मनमानी पर रोक लग सके। यह नहीं प्रदेश की सभी कार्यकारिणियों में पदाधिकारियों की सभी नियुक्तियों के लिए अब हाईकमान की मंजूरी लेना भी आवश्यक होगा, बिना हाईकमान की मंजूरी से पार्टी में कोई नियुक्ति नहीं होगी।
हाईकमान ने प्रदेशाध्यक्ष राठौर को यह भी साफ निर्देश जारी किए हंै कि पार्टी में पुराने चेहरों को कम अधिकतर नए चेहरों को कार्यकारिणी में स्थान दिया जाए, ताकि पार्टी में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान मिल सके। पार्टी सूत्रों के अनुसार हाईकमान के पास प्रदेश से ऐसी रिपोर्ट भी पहुंची है कि कार्यकारिणियों में कई पदाधिकारी कई-कई वर्षों से पदों से तो चिपके हुए हैं, लेकिन संगठनों में निष्क्रिय चल रहे हैं। इसलिए अब संगठन में अधिकतर नए चेहरों को भी स्थान दिया जाएगा।
सुधीर पर केसी वेणुगोपाल देंगे रिपोर्ट
प्रदेश में हाल ही में हुए धर्मशाला उपचुनाव में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की प्रदेश के नेताओं ने कई शिकायतें की थीं। सुधीर शर्मा चूंकि एआईसीसी के सचिव हैं, इसलिए उन पर लगाए गए आरोपों को अब राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ही देखेंगे। उन्हें ही इस बारे में फैसला लेने का जिम्मा दिया गया है।
सुधीर पर केसी वेणुगोपाल देंगे रिपोर्ट
प्रदेश में हाल ही में हुए धर्मशाला उपचुनाव में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की प्रदेश के नेताओं ने कई शिकायतें की थीं। सुधीर शर्मा चूंकि एआईसीसी के सचिव हैं, इसलिए उन पर लगाए गए आरोपों को अब राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ही देखेंगे। उन्हें ही इस बारे में फैसला लेने का जिम्मा दिया गया है।
कांग्रेस की कलह में भंग हुईं पीसीसी कमेटियां: रूपा
शिमला। भाजपा उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर भाजपा की चिंता छोड़ें और अपनी पार्टी की हालत देखें। उनकी पार्टी में अंदरूनी कलह चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय कार्यालय द्वारा जो हिमाचल कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी को निरस्त किया गया है, वह इस अंतर्कलह का ही नतीजा है। राठौर पहले अपनी पार्टी को चुस्त-दुरुस्त करें और फिर भाजपा पर टिप्पणी करें।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा में उपचुनावों में कांग्रेस को अंत तक प्रत्याशी नहीं मिल रहा था और जब प्रत्याशी मिला, तो कोई भी बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं कूदा। उपचुनावों में कांग्रेस कांगड़ा में तीसरे नंबर पर आई। जनता ने कांग्रेस को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस पार्टी के नेता बार-बार कह रहे हैं कि भाजपा उपचुनावों में धन-बल के प्रयोग से जीती वह पूर्ण रूप से गलत है। भाजपा अपने सुशासन और कुशल नेतृत्व के कारण जीती है।