सीएम बोले, जिस तरह प्रचारित किया जा रहा, उससे मैं आहत हूं , सदन से पूछा प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या गुनाह है?
राजीव भनोट। तपोवन : विधानसभा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन केवल मौसम ही अकेला विलेन नहीं था, जिसके कारण सत्र देरी से शुरू हुआ, बल्कि गेट टूगेदर की नाटी को सोशल मीडिया में गलत तरीके से प्रचारिक करने से भी सदन का मूड ऑफ था। यहां तक कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा-मैं आहत हूं और मन को चोट लगी है।
हिमाचल की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या कोई गुनाह है, ऐसा नहीं होना चाहिए। संस्कृति से अलग हटकर कुछ नहीं किया है, लोक संपर्क विभाग के कलाकार ने पहाड़ी गीत प्रस्तुत किया और उस पर नाटी डाली, जो प्रदेश की संस्कृति है। इस बार सरकार का प्रयास रहा कि पक्ष-विपक्ष में मुद्दों पर बहस रहती है, ऐसे में सभी मिलकर एक जगह इकट्ठे हों और फुर्सत के क्षणों में भोजन किया जाए। यह प्रयास सफल रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। बावजूद इसके खबर बन गई, सोशल मीडिया पर कई कुछ लिखा गया। इससे मन को पीड़ा हुई। सीएम ने कहा कि हर बार व्यवस्तता के चलते समय नहीं मिल पाता था।
इस बार हमने सत्र के बीच में एक दिन डिनर का प्रबंध किया था। इसमें विधायकों के नृत्य करने की वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल दुष्प्रचार किया गया। वायरल हुई वीडियो पर सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष ने चुटकी लेते हुए सत्ता पक्ष के विधायकों पर निशाना साधा दिया और विधायकों की नाटी को मंत्रिमंडल के विस्तार के जोड़ दिया। मुकेश ने कहा कि अभी भाजपा सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है तो विधायक सीएम के सामने नाच रहे हैं। परोक्ष रूप से उनका निशाना रमेश धवाला पर था।
सत्र के अंत में विस अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने भी कहा कि नृत्य पर जो हो रहा है ै वैसा नहीं होना चाहिए। राज्य के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार भी स्कूलों में जाकर नृत्य करते थे और हमारी संस्कृति को सहेजने का काम करते हुए स्कूली बच्चों को संस्कृति संरक्षण की संदेश देते थे।
तल्खी और संवेदनशीलता, दोनों गुण दिखे मुख्यमंत्री के
कड़कती सर्दी और धौलाधार में बिछी चांदी की ठंडक में भी तपोवन में बहुत कुछ नया हुआ। सदन में दूसरे दिन मुख्यमंत्री का गुस्सा भी दिखा तो इसी दौरान इराक में मारे गए युवाओं के परिजनों को नौकरी देकर उन्होंने अपना संवेदनशील पक्ष भी दिखाया। यह मसला पिछली सरकार से लंबित था, जो तपोवन में हुई कैबिनेट के जरिये सुलझाया गया। इससे पहले सीएम ने इन्वेस्टर मीट को घोटाला कहने पर तल्खी भरने लहजे में विपक्ष से कहा था कि शर्म करिये, हिमाचल को पंजाब मत बनाइए।