मंडी :धर्म चंद वर्मा।
मंडी के राजमहल में दुर्लभ टांकरी लिपि पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें एसडीएम मंडी रितिका जिंदल बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुईं। इस मौके पर टांकरी विशेषज्ञ डॉ0 जगदीश कपूर ने कहा टांकरी लिपि के सरक्षण के लिए लोगों द्वारा कार्यशालाएं लगाने के सुझाव दिये जा रहे हैं और उस लिपि को दोबारा पुनर जीवित कर आम जन तक पहुंचाने के प्रयास होने चाहिए, क्योंकि वर्तमान में भी देवी देवताओं के पुराने बाध्य यंत्रो से लेकर मोहरों , मंदिर के शिलालेखों , स्थानीय तंत्र शास्त्र , देवताओं से जुड़ी गौण कथाएँ और आयुर्वेदा अधीन स्थानीय उपचार पद्दति के अधिकतर श्लोक व लेखों में टांकरी लिपि को पहाड़ी भाषा व बोलियों में अंकित किया गया गए जिसे बिना टांकरी लिपि सीखे नही पढ़ जा सकता । देश भर में एक बार श्रेष्ठ भारत और अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत के विभिन्न लिपियों और भाषाओं बोलियों के सरक्षण सम्बर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम किये जा रहे हैं ।