- आरोप, बोर्ड को चलाने में नाकाम रहे प्रबंध निदेशक
- 22 को बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन का एलान
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक को हटाने की मांग की है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बुधवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया है कि वर्तमान एमडी बोर्ड को चलाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।
फील्ड में जहां जरूरी मटीरियल के अभाव के चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं लाइन पर कार्य कर रहे तकनीकी कर्मचारियों को बिना आवश्यक उपकरणों के सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रबंध निदेशक की लापरवाही की वजह से कर्मचारियों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। उनका दावा है कि यूनियन ने इस बारे में मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
खरवाड़ा ने आरोप लगाया है कि यूनियन प्रबंध निदेशक के ध्यान में कई मामलों को लाया है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका दावा है कि 22 अक्तूबर को बिजली बोर्ड मुख्यालय में अपनी मांगों को लेकर विशाला प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह मांग भी उठाई है कि बिजली बोर्ड में निजीकरण बंद किया जाए और विभिन्न श्रेणियों के निम्र स्तरो के पदो का तय मानदंडो के आधार पर सृजन किया जाए और रिक्त पड़े करीब 7 हजार पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।
2003 के बाद भर्ती कर्मियों की पेंशन में हो सुधार
यूनियन ने मांग उठाई कि जूनियर टीमैट, हेल्पर, ऑफिस अस्टिस्टैंट, आईटी व अकांउटस कर्मियों को उनके मूल पदों जैसे जूनियर टीमेट, हेल्पर, क्लर्क, व अकाउटेंट, के वेतन व भत्ते प्रदान किा जाए। 2003 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन प्रणाली में सुधार लाया जाए। बिजली बोर्ड में मानव रहित व नव निर्मित विद्युत उपकेंद्रों में अनुमानित 550 पदों का सृजन किया जाए। बिजली बोर्ड में करूणामूलक के लंबित पड़े सभी मामलें शीघ्र निपटाएं जाए।
टी मेट और हेल्पर से हटेगा जूनियर शब्द!
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष दुनी चंद ठाकुर की अध्यक्षता में प्रबंध निदेशक और निदेशक कार्मिक से बोर्ड मुख्यालय में मिला। संघ ने सभी ज्वलंत मांगों से प्रबंध निदेशक को अवगत करवाया और कहा कि जूनियर टी मेट और जूनियर हेल्पर से जूनियर शब्द को हटाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है।
ठाकुर ने कहा कि प्रबंध निदेशक को पूर्ण रूप से अवगत करवाया गया कि इन कर्मचारियों के साथ यह शब्द लगाकर इनका शोषण हो रहा है। दसवीं और जमा दो पास इन युवाओं को सेवादार से कम वेतन दिया जा रहा है। वहीं, प्रबंध निदेशक ने संघ को आश्वस्त किया है कि इस पर जल्द कोई निर्णय आएगा। साथ ही मानव रहित उपकेंद्रों में पदों का सृजन, लाइनमैन और इलेक्ट्रीशियन से कनिष्ठ अभियंता की पदोन्नति समय सीमा 5 वर्ष करने आदि सभी मुद्दों पर प्रबंध निदेशक ने सहमति जताई।