शिमला के कोटगढ़ में मार डाली थीं 15 से अधिक गायें
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
पिछले तीन महीनों से शिमला जिला के कोटगढ़ क्षेत्र में आतंक मचाने वाले विशालकाय भालू का सोमवार सुबह ग्रामीणों ने अंत कर दिया। भालू के चर्चे वन विभाग से लेकर दो दिन पहले हुए जनमंच तक में हो चुके थे। परेशान ग्रामीणों ने हर मंच पर ये शिकायत की थी। रविवार रात को भनाना गांव की एक गौशाला में जब भालू ने गाय पर हमला करने का प्रयास किया तो घात लगाकर बैठे स्थानीय निवासी ज्ञान सरकैक ने अपनी रायफल से भालू पर गोली दाग दी, लेकिन भालू के पिछले भाग में गोली लगने से वह घायल हो गया और जंगल की ओर भाग गया।
सुबह होने पर ग्रामीणों ने भालू के शरीर से हो रहे रक्त स्त्राव के सहारे उसको खोजने का प्रयास किया। ग्रामीणों का प्रयास रंग लाया और घनी झाडिय़ों में आराम कर रहे भालू पर स्थानीय युवक नीरज सरकैक ने अपनी रायफल से फिर से गोली दागी, जो कि उसके मुंह को चीरते हुए सिर से निकल गई और भालू वहीं पर ढेर हो गया।
वारदात की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक राकेश सिंघा, वन अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिसका नेतृत्व डीएफओ अरविंद कुमार कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीणों के प्रयास की सराहना की तथा उन्हें भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी भी दी। स्थानीय विधायक राकेश सिंघा ने बताया कि पिछले तीन महीनों से क्षेत्र में भालू का आतंक फैला हुआ था।
डीएफओ बोले, अब भी सतर्क रहें लोग
रविवार को भी जनमंच में मौके पर मौजूद डीएफओ अरविंद कुमार ने कहा कि भालू का वजन करीब 5 क्विंटल तथा लंबाई साढ़े पांच फुट है। मौके पर पोस्टमार्टम करने के बाद भालू को लोगों के सामने जला दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि लोग यह न समझें कि यह अंतिम प्रयास है इसके अलावा भी अन्य भालू इस इलाके में सक्रिय हो सकते हैं। लोग सावधान रहें। यदि भालू की भनक मिले तो वे तुरंत विभाग को सूचित करें।