हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला:
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि फर्जी डिग्री मामले में अब तक 3 निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ शिकायत मिली है। इसमें से 1 शिकायत सोलन, 1 शिमला और 1 ऊना जिला से संबंधित है। इनमें से दो विश्व विद्यालयों मानव भारती सोलन और इंडस विवि ऊना के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं।
इस मामले में अब तक सोलन जिला में स्थित निजी विवि के सहायक पंजीयक को गिरफ्तार करने के बाद 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है और बुधवार को एक गिरफ्तारी और हुई है। ये जानकारी सीएम ने विस में वक्तव्य के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्री मामला सामने आने से देवभूमि शर्मसार हुई है तथा सीआईडी की विशेष जांच टीम इसकी जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह कारोबार एक-दो साल से नहीं बल्कि पहले से चल रहा था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद सच्चाई को सामने लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सोलन जिला के धर्मपुर थाना में एक मामला गत 3 मार्च और 8 मार्च को धारा, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत दर्ज किया गया है। इसके बाद सोलन जिला के इस विश्वविद्यालय से तलाशी के दौरान कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, लैपटॉप, पैन ड्राइव, मोहरें व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। तलाशी के दौरान रद्दी के नीचे दबी हुई वर्ष, 2009 से वर्ष, 2015 तक कुल 305 डिटेल मार्क कार्ड (कुछ हस्ताक्षरित) तथा 15 डिग्रियां बरामद करने के बाद इसे कब्जे में लिया गया है। इसी तरह एक अन्य मामला धर्मपुर थाना में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सीआईडी की तरफ से 103 जाली डिग्रियों को लेकर केस दर्ज किया गया है।
सोलन स्थित विश्वविद्यालय के मामले को लेकर राजस्थान के माउंटआबू में खोले गए विश्वविद्यालय की हिमाचल प्रदेश पुलिस की तरफ से तलाशी ली गई है। यहां से तलाशी के दौरान 1,376 खाली डिग्रियां, 14 मोहरें, 4 डिस्पैच रजिस्ट्रर, 50 माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 199 खाली एनवेलपर, 485 खाली पत्र हेडज, 319 खाली डिटेल माक्र्स कार्ड, 2 कंम्यूटर, 6 भरी हुई डिग्रियां एवं अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। तलाशी के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उससे यह लग रहा है कि लंबे समय से जाली डिग्रियां जारी करके विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा था।
छात्राओं को ही नौकरी पर रखा, अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया
सीएम ने कहा कि ऊना के इंडस विवि के खिलाफ 9 मार्च को ऊना जिला के हरोली में एक मामला धारा, 420, 468, 471 और 120 बी. के तहत दर्ज किया गया। इसमें शिकायतकर्ता का आरोप है कि ऊना जिला के निजी विश्वविद्यालय ने 3 लड़कियों को नौकरी देकर उन्हें नियमित छात्राओं के रूप में दाखिल दिखाकर डिग्री प्रदान की। साथ ही उन डिग्रियों के आधार पर की गई नौकरी का अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त शिमला के एपीजी विश्वविद्यालय के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उसकी जांच की जा रही है तथा ठोस सबूत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान की निजी विवि का प्रशासनिक ब्लाक भी सील
मानव भारती विवि का एक और कर्मी गिरफ्तार
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। सोलन: फर्जी डिग्री मामले में एसआईटी ने राजस्थान स्थित निजी विवि के प्रशासनिक ब्लाक को भी सील कर दिया है। मानव भारती विवि के कई दस्तावेज राजस्थान की निजी विवि से मिले हैं।
एसआईटी ने कंप्यूटर व हार्ड डिस्क सहित कई दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। वहीं मंगलवार देर रात पुलिस ने मानव भारती विवि में काम करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रमोद को भी गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अभी कई अन्य लोगों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
जानकारी के अनुसार मानव भारती विवि के मालिक ने राजस्थान में ही एक और निजी विवि खोल रखा है। इस विवि पर भी एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। मानव भारती विवि के बाद राजस्थान का एक अन्य विवि भी एसआईटी के निशाने पर है। मानव भारती विवि में ही दूसरे विवि के दस्तावेज बरामद हुए थे। इससे एसआईटी द्वारा की जा रही जांच की सूई राजस्थान के निजी विवि की तरफ घूम गई है। विवि से बरामद हार्ड डिस्क व कई दस्तावेजों की जांच गहनता से की जा रही है।
अब तक की गई जांच में पाया गया है कि विवि अटेंडेंस रजिस्टर में हाजिरी तो लगाई गई है, लेकिन उसमें किसी भी छात्र का नाम नहीं लिखा गया है। यहां तक की कुछ उत्तर पुस्तिकाओं में पेमेंट तक लिखी हुई पाई गई। बताया जा रहा है कि विवि द्वारा 50 हजार से एक लाख रुपये तक डिग्री बेचे जाने का कार्य किया जाता था। फर्जी डिग्री बेचे जाने का मामला लगातार तूल पकडऩा जा रहा है। एबीवीपी व एनएसयूआई ने भी विवि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मानव भारती विवि में काम करने वाले एक कर्मचारी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी को राजस्थान स्थित निजी विवि से भी कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। जल्द ही इस मामले में कुछ और लोग गिरफ्तार हो सकते हैं।
-अभिषेक यादव, एसपी सोलन
मानव भारती विश्वविद्यालय डिग्री फर्जीबाड़े में दूसरी गिरफ्तारी, माउंट आबू से भी जुड़े तार