चंद्रमोहन चौहान, ऊना।
सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा करते हुए ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हुए हमीरपुर के सपूत वरुण के शव को चंडीगढ़ से हमीरपुर ले जा रही एंबुलेंस ऊना के मैहतपुर में खराब हो गई। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा पर बार-बार फोन करने के बाबजूद भी शहीद के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई।
मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के साथ मामला उठाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एंबुलेंस उपलब्ध करवाकर शहीद के शव को हमीरपुर के लिए रवाना किया गया। शहीद की पार्थिव देह को ले जा रहे फौजियों को भी करीब अढ़ाई घंटे सड़क पर खड़े होकर परेशानी झेलनी पड़ी। बता दें कि शून्य से माईनस 50 डिग्री तापमान वाले सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा को तैनात जिला हमीरपुर का सपूत वरुण शर्मा ठंड में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण शहीद हो गया था। दस दिन तक अस्पताल में रहने के बाद रविवार को वरुण ने कमांड अस्पताल चंडीमंदिर में दम तोड़ दिया।
सोमवार को शहीद की पार्थिव देह को चंडीगढ़ से उनके पैतृक गांव ले जा जा रहा था कि हिमाचल के प्रवेश द्वार मैहतपुर में शहीद के शव को ले जा रही एंबुलेंस शराब हो गई। मैहतपुर में सड़क किनारे सेना के जवानों को खड़े देख स्थानीय लोगों ने पूरा मामला जाना और 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके शहीद के शव को पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस भेजने से इंकार कर दिया। जिस कारण शहीद के शव को ले जा रहे सेना के जवानों को भी सड़क किनारे मुश्किलों से जूझना पड़ा।
स्थानीय वासी मलकियत ने बताया कि 108 एंबुलेंस पर फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर शहीद के शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध क्यों नहीं करवाई गई और अगर नियमानुसार 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है, तो उन्होंने प्रशासन को इस बारे अवगत क्यों नहीं करवाया।
क्या कहते है एडीसी
एडीसी ऊना अरिंदम चौधरी ने माना कि मीडिया द्वारा ही उनके ध्यान में यह मामला आया था, जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाकर शहीद के शव को रवाना कर दिया गया है।