विनय महाजन नूरपुर।
अगर सरकार मौका दे तो कोरोना महामारी पर पहाड़ी लोक गीत बनाकर लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया जा सकता है और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों को भी लोक गीतों के जरिये लोगो तक पहुंचाया जा सकता है। ये बात नूरपुर के रामपुरी मोहल्ला के निवासी राजेंद्र कुमार मेहरा नूरपुरी के नाम से महशूर टीवी व रेडियो कलाकार ने विशेष बातचीत में कही
रामपुरी मोहल्ला नूरपुर के श्री चूहड़ा राम मेहरा के घर जन्मे राजेंद्र मेहरा का पालन पोषण गरीबी के माहोल में हुआ। बचपन से ही मंदिर जाना व भजन कीर्तन करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। स्कूली दिनों में स्कुल के कार्यक्रों में गीत गाना व ड्रामे करना उनका शौक था। इन्होने कुरुक्षेत्र के महाकुम्भ पर्व पर डॉ भगवान दास रैना जो की एक चिकित्स्क थे और संगीत के सुलझे हुए कलाकार थे से संगीत की शिक्षा ली व उन्हें अपना गुरु माना !गरीबी के कारण उन्होंने हायर सेकेंडरी द्वितय वर्ष तक शिक्षा हासिल की ! राजेन्द्र मेहरा ने पहले 10 वर्षो तक नगरपालिका में नौकरी की व उसके बाद स्वास्थ्य विभाग धर्मशाला में नौकरी कर ली ! वर्ष 1983 में उन्होंने आकाशवाणी की परीक्षा पास की और उन्हें आकाशवाणी शिमला द्वारा पहली बार पहाड़ी गाने के लिए बुलाया गया।