- सोनिया गांधी को बताया आनंद शर्मा ने इस्तीफे का कारण
- बोले ये मेरे और राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच की बात
- हिमाचल में चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार
- कांग्रेस की जीता का ठोंका दावा, नड्डा से मुलाकात आपसी
- पहली बार ढोल नगाढ़ों के बीच हुआ स्वागत
विशेष संवाददाता। शिमला
हिमाचल कांग्रेस से नाराजगी की बात आनंद शर्मा ने शिमला पहुंचकर भी नहीं बताई। उन्होंने कहा कि वह किस बात से नाराज हैं ये उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को बता दिया है। यह उनकी और सोनिया गांधी के बीच की बात है।
बुधवार को आनंद शर्मा दोपहर में शिमला पहुंचे जहां पीटरहॉफ में उनका ढोल नगाढ़ों के साथ स्वागत किया गया। यहां केवल उनके समर्थक ही नहीं बल्कि दूसरे नेताओं के समर्थक भी थे जो आनंद शर्मा से यहां पर मिलना चाहते थे।
यहां मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। वह सभी प्रत्याशियों के लिए विधानसभा चुनाव में अलग-अलग जगहों पर प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात उनके और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच की है। उन्होंने पार्टी से नाराजगी की बात पार्टी के प्लेटफॉर्म पर रखी है।
आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस देश में कम बेक करेगी। इसके लिए अनुभव और युवा पीढ़ी का जोश दोनों का साथ चलना जरूरी है। उनका इशारा पार्टी में अनुभवी नेताओं को नजर अंदाज करने की ओर दिखा। उन्होंने कहा कि एक संतुलित मिश्रण हमेशा विजय की ओर ले जाता है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को हिमाचल और पूरे देश में पुनर्जीवित करने के लिए सामूहिक सोच और सामूहिक निर्णय की आवश्यकता है। हिमाचल में भी उन्होंने योग्य और प्रतिभाशाली छवि के व्यक्ति को आगे लाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस पर संगठन की सहमति हो उन्हीं की दावेदारी को आशीर्वाद मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा को जीवित करने के लिए लोगों के बीच जाना होगा।
जेपी नड्डा से अच्छे संबंध, इसलिए की मुलाकात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके नड्डा से अच्छे संबंध रहे हैं। जेपी नड्डा और वह एक ही विश्वविद्यालय में पढ़े हैं। ऐसे में आपस में मिलने पर तरह -तरह से सवाल उठाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के लिए आज यह अच्छा होगा कि राजनीतिक कटुता न आए। उन्होंने पहले कभी राजनीति में कटुता आते नहीं देखी है।
जीवन के सांयकाल में पार्टी छोडऩे का निर्णय नहीं कर सकते
उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन के 51 साल पार्टी के लिए समर्पित किए हैं। अब जीवन के सांयकाल में आकर कांग्रेस को छोडऩे का सोच भी नहीं सकते और वह कभी भी अपने विरोधियों के पक्ष में नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में यदि कहीं कोई इश्यू है तो कांग्रेस को एकजुट करेंगे और भाजपा को पटकनी देंगे। अभी वह दो दिन यहीं पर हैं और कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं से उनकी मुलाकात भी होगी। पार्टी के मुद्दों पर भी वह नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। उनकी नाराजगी कब तक दूर होती है ये देखना होगा।