हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : बहुचर्चित आयुर्वेद खरीद घोटाले की विभागीय जांच सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची को दी है। वह सभी आरोपियों के बयान दर्ज करेंगे और संबंधित रिकार्ड एवं सबूतों के आधार पर सरकार को रिपोर्ट देंगे।
इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। इस बीच सरकार ने इस खरीद की तकनीकी कमेटी के तीनों डाक्टरों को सस्पेंशन से बहाल कर दिया है। सरकार ने वीरवार को निलंबित किए गए तीन अधिकारियों की बहाली के आदेश दिये। इसमें उपनिदेशक कांगड़ा जोन डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, जिला शिमला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केडी शर्मा और उपमंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैली बंसल शामिल हैं। सरकार ने डा तेजस्वी विजय आजाद को मंडी ट्रांसफर किया है।
विभाग में करीब दो करोड़ रुपये के चिकित्सा उपकरण बाजार मूल्य से बहुत अधिक दाम पर खरीदे जाने के मामले में इन अधिकारियों को छह महीने के लिए सस्पेंड किया गया था। ये खरीद जैम पोर्टल से सेटिंग करके हुई थी। इसके बाद तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक और वरिष्ठ सहायक को भी चार्जशीट किया गया था। इसकी जांच अलग से चल रही है। बीच में ये मामला विजिलेंस को देने की बात भी हुई, लेकिन इस पर फैसला कार्मिक विभाग की फाइल पर होगा।
कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
यह मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में तब आया था, जब आयुर्वेद विभाग के एक कर्मचारी ने इस मामले मेें उत्पीडऩ करने के मामले मे सीएम को पत्र लिखा था। विभागीय सूत्रों के अनुसार कि उसके बाद सरकार के पास भी कई गुमनाम पत्र आए हैं। वहीं अब सरकार इस सारे मामले की जांच प्रधान वित सचिव अनिल खाची से करवाने जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार को आयुर्वेद विभाग में महंगे उपकरण खरीद घोटले में कई बड़े अधिकारियों की भी जांच इस घेरे में आ सकती है।