एजेंसी।लाहौर
पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी संस्था ने करीब 34 साल पहले पंजाब प्रांत में भूमि के अवैध आवंटन में संलिप्तता के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और तीन अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दायर किया है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे 70 वर्षीय शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। वह अभी इलाज कराने लंदन गए हुए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को 2017 में पनामा पेपर मामले में पद से हटा दिया था, तब से प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज करा चुकी है। प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किए गए शरीफ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के किसी भी समन और सवालों का जवाब नहीं दिया है, इसलिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया और ब्यूरो ने उन्हें घोषित अपराधी करार देने के लिए जवाबदेही अदालत का रुख किया है। एनएबी द्वारा दायर मामले में नामजद तीन अन्य आरोपी जंगाजिओ मीडिया समूह के मालिक मीर शकीलुर रहमान, लाहौर विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व निदेशक हुमायूं फैज रसूल और पूर्व निदेशक (भूमि) मियां बशीर हैं। रहमान को 12 मार्च को एनएबी ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद से वह न्यायिक रिमांड पर हैं।
आरोप है कि शरीफ और दो अन्य लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग कर नहर से लगी कीमती जमीन रहमान को आवंटित की थी। इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पेश नहीं होने पर 29 मई को शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसमें उन पर आरोप लगाया गया कि उन्हें विदेशी व्यक्तियों से आलीशान वाहन और उपहार मिले थे, जो राज्य की संपत्ति हैं।