राजीव भनोट। ऊना: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल ने अनुराग व जयराम ठाकुर के बीच खटास की चर्चाओं पर कहा कि कुछ स्वार्थी लोग दोनों के रिश्ते में दरार पैदा करना चाह रहे। ऐसे में जयराम व अनुराग को स्वार्थी लोगों से बचकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच संबंध मधुर है।
शिमला व धर्मशाला की घटना को अपने-अपने अंदाज में पेश व देखने का काम किया गया है। मुझे इसमें कोई खटास नजर नहीं आती। सोशल मीडिया पर राजनैतिक रोटियां सेकने का काम हो रहा है।ऊना में मंगलवार को मीडिया कर्मियों से बात करते हुए धूमल ने कहा कि अनुराग उम्र में जयराम से छोटे हैं। दोनों के हितों में कोई टकराव नहीं है। दोनों समझदार है, ऐसे में दोनों समझेंगे कि ऐसी साजिशों से बचा जाए। वहीं धूमल ने अवैध खनन पर सरकार को नसीहत दी है। धूमल ने ने कहा कि स्वां तटीयकरण मेरा सपना रहा है और भाजपा सरकार के समय हमने इस कार्य को गति दी। मुझे दुख है कि जो सपना जिला में स्वां तटीयकरण का पूरा करने की ओर हम बढ़े थे उस सपने को कुछ लोग लालच में आकर नुक्सान पहुंचा रहे हैं।
अवैध खनन से सरकार की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की जिम्मेवारी है कि यह अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करें और स्वार्थी लोगों को किसी भी सूरत में सरकार को बदनाम करने का मौका नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वां के संपूर्ण तटयीकरण के बाद ऊना हिमाचल को अनाज व सब्जियां आपूर्ति करने वाला जिला बन सकता है। इस दिशा में हमें काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस कार्य के प्रथम चरण का शुभारंभ सलोह से किया था और कांग्रेस की सत्ता में इस धीमी गति आई थी। पुन: सरकार आने वाले गगरेट से द्वितीय व तृतीय चरण का काम शुरू किया गया और अब चौथे चरण का काम चल रहा है। इसके कार्य की गुणवत्ता को बनाए रखना चाहिए।
धूमल ने कहा कि विपक्ष कर्जे पर बेतुकी बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो ऐसी बोल रही, जैसे कांग्रेस ने कभी कर्जा लिया ही नहीं है। उन्होंने कहा कि 2007-12 तक हमारे कार्यकाल में 6,672 करोड़ का कर्ज लिया गया था। सरकार द्वारा पांचवे वित्तयोग को लागू करने के साथ ही विकास को गति दी गई थी। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही कर्ज पर कर्ज लिए, जिससे आने वाली सरकारे कर्ज की किश्ते व ब्याज वापिस करने के लिए कर्ज लेने के लिए मजबूर हो रही है। धूमल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि कर्ज पर अंकुश लगेगा और जयराम सरकार जरूरत अनुसार ही कर्ज लेगी और विकास की दिशा में काम करेगी।
अधिकारी मिले न मिले नहीं करता मैं कोई चिंता
प्रेम कुमार धूमल चाहे कुछ न बोले, लेकिन अपनी ही सरकार में कुछ उपेक्षा का मलाल अंदर ही अंदर उन्हें है। धूमल पूर्व मुख्यमंत्री है। भाजपा के वरिष्ठ नेता है, बावजूद इसके उन्हें दौरों से अधिकारी कन्नी काटते हैं। ऊना दौरे पर भी धूमल से मिलने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इस पर एक सवाल के जबाव में धूमल ने कहा कि कोई अधिकारी या कर्मचारी मुझे मिले न मिले। इसकी मैं चिंता नहीं करता। मुझे अपना काम करना है। उन्होंने कहा कि जब किसी अधिकारी व कर्मचारी को जरूरत होती है, तो वो मिल ही जाता है।