वित्त कमेटी और अकादमिक परिषद की सिफारिशें स्वीकार, इस बार दीक्षांत समारोह में पहने जाएंगे हिमाचली परिधान
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : एचपीयू में शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरा जा सकता है। एचपीयू में शिक्षकों के 356 खाली पदों को भरने के लिए ईसी यानी कार्यकारी परिषद की मंजूरी मिल गई है। इन पदों में आचार्य, निदेशक, प्राचार्य के 49 पद, सहआचार्य के 93 पद और सहायक आचार्य के 214 पद शामिल हैं।
एचपीयू में शनिवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक एचपीयू के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में की गई। कार्यकारी परिषद ने कार्यकारी परिषद् ने विवि में खाली पड़े अध्यापकों और कर्मचारियों के पदों को भरने के लिए यूजीसी और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 200 रोस्टर प्वाईंट के आधार पर भर्ती करने के लिए स्वीकृति प्रदान की और इस कार्य के लिए कुलपति द्वारा रोस्टर तैयार करने के लिए गठित की गई समिति की सिफारिशों को स्वीकति दी गई।
इसके साथ ही इन पदों को भरने के लिए मीडिया तथा ऑनलाइन विज्ञापन जारी करने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य रहे प्रो. श्याम लाल कौशल का महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। इसके अलावा एचपीयू परिसर में वाई-फाई, भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने तथा विधि विभाग में नॉन सब्सिडाइज्ड एलएलएम की सीटों को सब्सिडाईजड सीट में बदलने की विभागीय काउंसिल की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान की।
दीक्षांत समारोह में हिमाचली परिधान पहनने को मंजूरी
ईसी की बैठक में 26 नवंबर को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में हिमाचल परिधान को पहनने को मंजूरी दी गई। ऐसे में अब दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री व गोल्ड मेडल लेने वालों की ओर से हिमाचली परिधान पहने जाएंगे। इनमें एचपीयू के लोगों वाली हिमाचली टोपी, मफलर व खादी जैकेट शामिल है।
ये निर्णय भी लिए ईसी ने
- ईसी ने पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों का पुष्टिकरण किया।
- शैक्षणिक परिषद् द्वाराअनुमोदित किए गए प्रस्तावों को मिली मंजूरी
- वित्त कमेटी द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को मिली मंजूरी
- छात्र संगठनों की मोंगों पर विचार-विमर्श कर उन पर कार्य करने के निर्देष
- 9 सुरक्षा कर्मचारियों के वेतन संबंधी विसंगति को संशोधन करने को स्वीकृति
- यूजीसी के 2018 शिक्षक, प्राचार्य, निदेशक भर्ती संबधी समिति के नियमों को अपनाने की स्वीकृति
- कृषि लागत योजना में 22 साल पुरानी वेतन विसंगति को दूरकर 2000-3500 से 2200-4000 करने की स्वीकृति