रविंद्र चंदेल। हमीरपुर
हमीरपुर की एक आशा वर्कर की सेहत बिगड़ गई है और वह अब टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है। उन्हें वेेंटिलेटर पर रखा गया है। दो हफ्ते पहले उन्हें कोरोना का टीका लगाया गया था। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि उनकी तबीयत वैक्सीन लगने से ही बिगड़ी है।
जानकारी के मुताबिक इस आशा वर्कर को 29 जनवरी को सीएचसी सुजानपुर में वैक्सीन लगी थी। प्रोटोकॉल के मुताबिक वैक्सीन लगने वाले पर विभाग को नजर रखनी होती है। जिस किसी को भी वैक्सीन लगाई जाती है उसका कान्टेक्ट नंबर भी लिया जाता है। आशा वर्कर के परिजनों का आरोप है कि विभाग की तरफ से लापरवाही बरती गई है। बेसिक लेवल पर रही इस गलती का फॉलोअप सिर्फ कागजी तौर पर तो ही हुआ है।
जब इस महिला की हालत ज्यादा खराब हो गई तो सुजानपुर सीएचसी से इसे 5 फरवरी को आरके मेडिकल कॉलेज हमीरपुर रेफर किया गया। वहां से यह कहकर टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया कि इसकी कोई ट्रीटमेंट आरके मेडिकल कॉलेज के पास नहीं है। आरके मेडिकल कॉलेज व सीएमओ ऑफिस के सूत्रों की माने तो इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई।
मामला ध्यान में है। इस मामले पर वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल कमेटी की रिपोर्ट ली जा रही है। हम पक्के तौर पर यह नहीं कह सकते कि इस महिला मरीज की सेहत वैक्सीनेशन लगने के कारण खराब हुई है।
-डॉ. अर्चना सोनी, सीएमओ हमीरपुरमामला बेहद संजीदा है। वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल के तहत अगर मरीज का सही फॉलोअप नहीं हुआ है तो इस मामले में जांच होगी।
-देवाश्वेता बनिक, डीसी हमीरपुर