उदयवीर पठानिया
कांग्रेसी भाई भी बड़े मजाकिया बंदे हैं। इतणी घणघोर बेइज्जती टॉप टू बॉटम करवाते हैं, फिर भी जिंदादिली से जीते हैं। टॉप टू बॉटम इसलिए कि राहुल बावा कभी ऐसी व्याख्या कर देते हैं कि बड़े से बड़े चालू कांग्रेसी बी सिर खुजाते हुए नजर आते हैं कि बोलें तो क्या बोलें। ऐसा ही किस्सा भाजपा के तड़क-भड़क वाली तीन दिवसीय बैठक में भी हुआ।
बड़का सड़क किनारे पुली पर बैठ कर धूप सेंक रहा था। तभी एक कांग्रेसी पर उसकी नजर पड़ी। कांग्रेसी मितर हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। बड़के ने उसको जोर से कहा कि ओ भाऊ क्या देख रहा है ? कांग्रेसी पास आकर बोला कि बड़कया यह बता कि यह संघी क्या जुगाड़ फिट कर रहे हैं ? बड़के बोला, ओ कुछ नहीं यरा। यह 2022 में भी तेरी पार्टी को विधानसभा में विपक्ष में बिठाने के लिए कट्ठे हुए हैं। नारा दिया हुआ है कि ग्रामसभा से विधानसभा।
पंचैती चुनाव जीतकर अब विधानसभा चुनाव जीतने की उम्मीद में बैठकें कर रहे हैं। इतना सुनना था कि कांग्रेसी मित्तर जोर से हंसा। बोला, ओ बड़कया यह नारा अधूरा है। पूरा यह है कि ग्राम सभा से विधानसभा और फिर शोक सभा। अब बड़का खज्जल हो गया। बोला शोकसभा कैसे और किसकी ? कांग्रेसी बोला, देख भाई किसी न किसी की शोकसभा तो होणी ही है। इनकी न सही, हमारी ही सही पर होणी तो जरूर है। बस यह पता कर दो की इन्होंने जनसभा करनी है कि नहीं? या फिर सिद्दे ही विधानसभा…