नई दिल्ली: कर्नाटक कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया किया कि प्रदेश के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले मुख्यमंत्री बीएस एदियुरप्पा का आडियो क्लिप रिकार्ड पर लिया जाए जिसमें वह बागी विधायकों के त्याग का जिक्र करते हुए कथित रूप से अपनी पार्टी के नेताओं को खरी खोटी सुना रहे हैं।
न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक कांग्रेस की ओर से पेश ताजा सामग्री पर विचार करने के लिए पीठ के गठन के बारे में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से बात करेगी। एदियुरप्पा का वह कथित ऑडियो क्लिप शुक्रवार को सामने आया था जिसमें वह पार्टी के उन नेताओं के प्रति नाराजगी जता रहे थे जो अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस-जद (एस) के विधायकों को पांच दिसंबर को 15 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे थे। यह क्लिप हुबली में पार्टी की बैठक का है। उक्त ऑडियो में एदियुरप्पा कथित तौर पर कह रहे हैं कि बागी विधायकों को गठबंधन सरकार के अंतिम दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की निगरानी में मुंबई में रखा गया था।
अयोग्य घोषित किए गए 17 में से 15 विधायकों की सीटों पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होगा। इन विधायकों के त्यागपत्र और विश्वास मत के दौरान सदन से अनुपस्थित रहने की वजह से कुमारस्वमाी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार का पतन हो गया था और एदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्ता में आई। इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के स्थानीय नेताओं के विरोध के बीच एदियुरप्पा ने हाल ही में यह आश्वासन दिया था कि अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को टिकट दिए जाएंगे, यदि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩा चाहेंगे।
एदियुरप्पा ने चुनाव में भाजपा की जीत या हार को एक अलग मामला बताते हुए कहा था कि अयोग्य घोषित किए गए विधायकों ने ही पार्टी को सत्ता में आने का अवसर प्रदान किया है। शीर्ष अदालत ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। इन याचिकाओं पर फैसला जल्द आने की उम्मीद है।