लाहौर: पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर करतारपुर गलियारा खुलने के बाद यहां आने वाले सिख श्रद्धालुओं को किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। इवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष डॉ आमिर अहमद ने कहा, धर्म स्थलों पर (गुरुद्वारों में) किसी भी राजनीतिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी।
यह सख्ती से प्रतिबंधित है और धार्मिक उत्सव में यहां आने वाला कोई भी शख्स (सिख) अगर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हुआ, तो कार्वाई की जाएगी। ईपीटीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो बंटवारे के बाद भारत चले गए हिन्दुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और धर्म स्थलों की देखरेख करता है।
पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को चार मिनट लंबा वीडियो जारी किया था, जिसमें पृष्ठभूमि में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले, उसके सैन्य सलाहकार शाबेग सिंह और अमरिक सिंह खालसा दिख रहे थे। इस बाबत सवाल करने पर अहमद ने कहा कि यह उनकी जानकारी में नहीं है, लेकिन सरकार यहां आने वाले सिखों की किसी भी राजनीतिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार सतवत सिंह ने इस पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, मुझे मामले की जानकारी नहीं है। भारत के पंजाब में गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार सिंह साहिब को जोडऩे वाला करतारपुर गलियारा नौ नवंबर को खुलने का कार्यक्रम है। इस बीच, 1500 से ज्यादा भारतीय सिख श्रद्धालु वाघा सीमा होते हुए यहां पहुंच गए हैं। करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह और गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व में हिस्सा लेने के लिए 4,500 से ज्यादा भारतीय सिख श्रद्धालु अब तक पहुंच चुके हैं।