हिमाचल दस्तक। बरोट
चौहार घाटी तथा छोटा भंगाल घाटी में गत कई वर्षों से जंगली भालू के आतंक से लोग सहमे हुए हैं। हर वर्ष जंगली भालू ने हमला बोलकर कई लोगों को अपंगता का दंश झेलने को मज़बूर कर दिया है तथा कई पशुपालकों सहित भेड़पालकों की भेड़-बकरियों को अपना काल का ग्रास भी बना चुका है।
ताजा घटनाक्रम की बात करें तो वीरवार की आधी रात को छोटा भंगाल घाटी की पोलिंग पंचायत के खड़ीमलाह गांव के 44 वर्षीय भेड़पालक दविंद्र सिंह पर जंगली भालू ने हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया।
जानकारी के अनुसार भेड़पालक दविंद्र सिंह अपने गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर काऊकुथ नामक स्थान पनी भेड़-बकरियों को चराने के लिए गया था। वीरवार की रात को जब भेड़-बकरियों के पास ही सो रहा था कि उसी दौरान जंगली भालू ने हमला बोल दिया। अपनी जान बचाने के लिए भेड़-बकरियां इधर-उधर भागने लगीं, लेकिन इसी बीच भालू ने भेड़पालक दविंद्र सिंह पर हमला बोल दिया और उसे बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। भालू के हमले में दविंद्र सिंह के सिर, माथे तथा गले में गहरे घाव हो गए हैं।
दविंद्र सिंह रात भर वहीँ खून से लथपथ घायल अवस्था में पड़ा रहा। सुबह जब उसके पिता भेड़पालक रसाल सिंह डेरे में पहुंचे तो वहां अपने पुत्र को घायल अवस्था में पाया। उन्होंने बिना वक्त गंवाए ग्रामीणों को फोन पर इसकी सूचना दी। लोगों की सहायता से दविंद्र को करीब 5 किलोमीटर तक पीठ पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। वहां से उसे 108 एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरोट पहुंचाया। प्राथमिक उपचार करने के बाद दविंद्र को टांडा रेफर कर दिया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरोट के प्रभारी डॉक्टर अंकुश ने बताया कि पीड़ित दविंद्र सिंह की हालत खतरे से बाहर है। वहीँ पुलिस चौकी मुल्थान के प्रभारी मंगत राम ने बताया कि उन्होंने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरोट में आकर अपनी सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर दी हैं।
पोलिंग पंचायत के उपप्रधान छांगा राम सहित इन सभी लोगों ने बताया कि लगभग एक सप्ताह से जंगली भालू ने अन्य भेड़ पालकों की 20 भेड़-बकरियों पर हमला बोलकर अपना काल का ग्रास बना दिया है।