शकील कुरैशी : शिमला
गांव में लगने वाले पहले उद्योग को सरकार की तरफ से ज्यादा रियायतें दी जाएंगी। सरकार ने एंकर यूनिट की परिभाषा को बदल दिया है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले उद्योगों को ज्यादा लाभ मिलेंगे। सरकार की स्वर्ण जयंती औद्योगिक पॉलिसी में इसे शुमार करते हुए कहा गया है कि गांव में लगने वाले पहले उद्योग को ज्यादा राहतें मिलेंगी।
उनके बाद लगने वाले उद्योगों को भी हालांकि लाभ होंगे मगर उतने नहीं। उद्योगों को यहां पर रियायतों का दौर वर्ष 2025 तक चलता रहेगा। इससे पहले 2022 के अंत तक यह रियायतें खत्म हो रही थीं जिनको बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अब रुझान का इंतजार किया जा रहा है। हिमाचल में निवेश बढऩा शुरू हो चुका है मगर यह निवेश अभी भी सीमाई क्षेत्रों तक सीमित है। जो भी प्रस्ताव सरकार के पास आ रहे हैं वो सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए है लिहाजा वहां पर सरकार ने इंडस्ट्रियल एरिया को फैलाना शुरू कर दिया है। यहां नए इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जाएंगे जिनका खाका तैयार किया जा चुका है।
मगर दूसरी तरफ सरकार का उद्योग विभाग ये प्रयास भी कर रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों यानि प्रदेश के भीतरी इलाकों में भी उद्योग आएं इसलिए नई पॉलिसी में एंकर यूनिट की परिभाषा को बदला गया है। यहां पर लगने वाला पहला उद्योग क्योंकि दूसरों के लिए भी संदेश देगा इसलिए सरकार ने उद्योगपतियों को रिझाने के लिए कुछ रियायतों को जोड़ा है। इनको अधिक सबसिडी का लाभ दिया जाएगा, इनके लिए बिजली की दरें भी अलग होंगी वहीं आधारभूत ढांचा जुटाने में कुछ और सहूलियतें भी इनको दी जाएंगी।
बहरहाल केंद्र सरकार की स्कीमों का भी लाभ हिमाचल को जल्द मिलना शुरू हो जाएगा। 325 करोड़ का एक प्रोजेक्ट पीएम गतिशक्ति योजना में भेजा गया है वहीं कोलकाता-अमृतसर कॉरिडोर का बड़ा लाभ हिमाचल को मिलेगा। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों के लिए नई सुविधाएं देने का एलान हुआ है जिससे देखना होगा कि वहां पर कितना विकास होता है। इसका लाभ गांव में रहने वाले लोगों को होगा जिनको घर के पास रोजगार हासिल होगा।
अभी तक नहींआया कोई प्रस्ताव
अभी तक इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं आए हैं लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही प्रस्ताव आएंगे। हिमाचल के जो लोग उद्यमी बने हैं वो इस दिशा में ज्यादा कारगर काम कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी हासिल करने के लिए बातचीत हो रही है और जल्दी ही ऐसे यूनिट प्रदेश के भीतरी क्षेत्रों में भी लगेंगे। उनको वहां पर जमीन दिलाने में भी उद्योग विभाग मदद करेगा और सस्ती दरों पर जमीन भी उपलब्ध करवाई जाएगी। अन्यों से ज्यादा लाभ सबसे पहले लगने वाले यूनिट को दिए जाएंगे।
निवेश के लिए तेजी से हो रहा काम: राज्य में निवेश के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह का कहना है कि सीमाई क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट ने जोर पकड़ लिया है। इन्वेस्टर का अच्छा रुझान देखने को मिल रहा है। दो ग्राउंड ब्रेकिंग यहां पर की गई हैं जिसकी नतीजे सामने आए हैं और लोगों को भी उसकी सफलता बताई जाएगी। अब पॉलिसी में संशोधन का समय बढ़ाया गया है जिससे और अधिक उद्योग हिमाचल में लगेंगे जिनके लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। नए इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही एंकर यूनिट की परिभाषा को भी बदला गया है ।