विनोद ठाकुर। भरमौर
आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी जनजातीय क्षेत्र भरमौर में कई गांव ऐसे हैं, जहां सड़क सुविधा आज भी सपना ही है। जब भी कोई व्यक्ति इन गांवों में बीमार होता है तो उसको पालकी में डालकर ही स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाना पड़ता है।
ताजा मामला है क्षेत्र की चंहौता पंचायत का। यहां शुक्राह गांव के पूर्ण चंद वीरवार को बीमार हो गए और उन्हें पालकी में डालकर स्वास्थ्य केंद्र होली पहुंचाया गया। शुक्राह के लिए सड़क बनाने की कवायद लोक निर्माण विभाग ने कई वर्ष पहले शुरू कर दी थी, लेकिन आज तक इस गांव को जाने वाले सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि चुनावों के समय तो इस सड़क का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाता है लेकिन चुनावों के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।