रोशन लाल शर्मा। सुंदरनगर
महामारी के इस तांडव से अधिकांश प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो गई है, जबकि सरकार द्वारा 2020-21 के लिए स्वीकृत योजनाएं बगैर मजदूरों के अधर में लटकी हुई हैं। अब जबकि साल की एक तिमाही कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गई है और शेष 9 माह के समय को अगर कार्यों के प्रति व्यवस्थित करना है तो सरकार को प्रवासी मजदूरों को घर से बुलाने के लिए कोई विशेष नीति बनानी होगी, जिससे उनका समय क्वारंटीन आदि में बर्बाद न हो। नियमानुसार जो भी व्यक्ति दूसरे राज्यों से आएगा, तो पहुंचते ही 14 दिनों के लिए क्वारंटीन होगा ही।
इसके लिए ठेकेदार एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव भूपेंद्र महाजन ने सरकार के समक्ष यह योजना रखनी चाही है कि अगर प्रवासी मजदूर अपना मेडिकल साथ बनाकर लाएं कि वे किसी प्रकार की महामारी से संक्रमित नहीं हैं तो क्या सरकार उन्हें बगैर क्वारंटीन के सीधे तौर पर कार्यरत होने देगी। बशर्ते वे सोशल डिस्टेंस और मास्क आदि के नियमों का भली प्रकार से पालन करें।
उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इसके बारे में नीति बनाए तो विकास कार्य फिर से गति पकड़ सकेंगे और 2020-21 की स्वीकृत समयबद्ध योजनाओं को भी पूरा किया जा सकेगा।