अनूप शर्मा। बिलासपुर
बिलासपुर जिले के आम उत्पादक किसानों को प्रदेश सरकार और उद्यान विभाग की ओर से सेब उत्पादकों की तर्ज पर सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान होना पड़ रहा है। किसानों की हालत इस कदर खराब हो चुकी है कि वे अपने आमों को विभाग द्वारा बनाए गए कलेक्शन सेंटर तक भी नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
हिमाचल किसान एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट केएल ठाकुर, उपाध्यक्ष विजय ठाकुर, महासचिव जगदीश शर्मा, आम उत्पादक तुलसी राम व पूर्व प्रधान जोगेंद्र पाल ठाकुर ने कहा कि इस बार पहले ही किसानों-बागवानों पर कोरोना की मार पड़ी है, जिससे न तो बाहरी राज्यों से आम के व्यापारी आ रहे हैं और न ही विभाग द्वारा स्थापित कलेक्शन सेंटर तक उनकी फसल पहुंच पा रही है।
उन्होंने कहा कि कलेक्शन सेंटर्स में किसानों से आम प्लास्टिक की क्रेट्स में पहुंचाने में कहा जा रहा है व साथ में बागवानी कार्ड मांगा जा रहा है, क्योंकि अधिकांश किसानों के पास न तो आम उत्पादन के हिसाब से अधिक क्रेट्स उपलब्ध हैं और न ही बागवानी कार्ड हैं। ऐसी दशा में उनकी आम की फसल पेड़ों पर तबाह हो जाएगी।
उनका कहना है कि सरकार ने आम का जो समर्थन मूल्य घोषित किया है, उससे ज्यादा खर्च आम के तुड़ान व कलेक्शन सेंटर तक पहुंचाने में हो रहा है। उन्होंंने प्रदेश सरकार व उद्यान विभाग के उच्चाधिकारियों से क्रेट्स व गत्ते के कार्टन तथा सभी किसानों के बागवानी कार्ड बनवाने का आग्रह किया है, ताकि किसानों की आम की फसल आसानी से कलेक्शन सेंटर तक पहुंच सके।
इस संबंध में उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. विनोद शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा बागवानों के बागवानी कार्ड बनाए गए हैं जिस पर बागवानों को सभी तरह की सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इनमें सस्ती दरों पर क्रेट्स व दवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि वे बागवानी कार्ड बनवाएं। इसके अलावा विभाग द्वारा आम कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए गए हैं, जहां पर किसानों के आम को खरीदा जा रहा है।
उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि वे मल्लिका व चौसा जैसी लंबे समय तक टिकने वाली आम की प्रजातियों के पौधे भी लगाएं, जिससे किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी।