हिमाचल दस्तक। बिलासपुर
बिलासपुर जिले मेें स्क्रब टाइफस के बढ़ते मामलों को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान में स्क्रब का टेस्ट करवाने की सलाह दी है।
उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ अन्य बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अब बदलते मौसम में सर्दी, जुखाम के साथ स्क्रब टाइफस फैलने का अंदेशा बना रहता है तो कोविड के साथ-साथ स्क्रब टाइफस की जानकारी भी आम जनता को होनी आवश्यक है ताकि इससे समय रहते बचा जा सके।
उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से फैलता है जो कि पिस्सुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिस्सू जंगली चूहों में पाए जाते हैं जिनके काटने से स्क्रब टाइफस फैलाता है। उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए घरों के आसपास उगी घास पतवार को साफ करना, घरों के अन्दर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना व पिस्सुओं को मारने के लिए घरों में कीटनाशक का छिड़काव करना आवश्यक है।
इसके साथ ही अपने कपड़ों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त खेतों में काम करते समय शरीर को पूरे ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए और पैरों में पूरे ढकने वाले जूते पहनने चाहिए।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर को दिखाएं व अपनी मर्जी से दवा न खाएं।