हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य में फैलते ड्रग्स के जाल को रोकने के लिए सभी स्कूलों में बच्चों के खून की जांच करने का सुझाव आया है। ये सुझाव राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की सिलेबस से संबंधित बैठक में आया है। धर्मशाला में हुई इस बैठक में ये सुझाव आने के बाद सोशल मीडिया में तरह तरह की आशंकाएं भी उठी हैं।
हालांकि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि ये सिर्फ सुझाव आया था। जो ड्रग्स लेने वाले छात्रों में डर पैदा करने के लिए तो ठीक है, लेकिन इसे लागू करना है या नहीं? ये शिक्षा बोर्ड का मैंडेट नहीं है। न ही उस फोरम पर इस बारे में कोई फैसला हो सकता है। इस बारे में सरकार के स्तर पर विचार किया जाएगा।
बोर्ड की बैठक में बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए उनमें हैपीनेस बढ़ाने के लिए कुछ नई एक्टिविटी स्कूलों में शुरू करने का फैसला हुआ है। इस अनुसार सिलेबस में भी हल्का फेरबदल हो सकता है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आजकल प्रदेश में नशा निवारण अभियान चलाया हुआ है। ये 15 दिसंबर तक चलेगा।
सहमति के बिना ब्लड सैंपल लेने का विरोध : संत रविदास धर्म सभा के प्रदेशाध्यक्ष कर्मचंद भाटिया ने नशे पर नकेल कसने के लिए छात्रों के ब्लड सैंपल लेने के निर्णय का विरोध किया है। उनका कहना है कि अभिभावकों की अनुमति के बिना छात्रों के सैंपल लेना ठीक नहीं है। ऐसा करना निजता का उल्लंघन है।