प्रदेशभर में पिछले तीन साल से खड़ी हैं 325 बसें, निगम भरेगा 225 चालक और 200 परिचालकों के पद
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत पूर्व सरकार के कार्यकाल में खरीदी गई सैकड़ों लावारिस बसों को अब प्रदेश की जयराम सरकार दौड़ाने जा रही है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 3 सालों से खड़ी ये 325 के करीब बसें हैं।
पूर्व सरकार ने इन बसों को चलाने के लिए नियमों के विपरीत रूट परमिट भी दिए थे, लेकिन बाद में मामला कोर्ट में चला गया और अधिकांश बसें खड़ी रह गईं। इसके साथ-साथ सरकार के पास इतने चालक और परिचालक भी नहीं हैं। करोड़ों की बसों को जनहित में शुरू करने के लिए प्रदेश की वर्तमान सरकार ने 100 बसें चलाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 100 बसों के लिए रूट परमिट दिए जाएंगे। इन बसों को लांग रूट पर नहीं चलाया जाएगा।
लो फ्लोर बसें होने के कारण प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में लाभदायक नहीं हैं। इसे देखते हुए इन बसों को शहर-शहर में ही चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने एचआरटीसी में 425 चालकों एवं परिचालकों के पदों को भरने के लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इनमें 225 चालक और 200 परिचालकों के पद भरे जाने हैं। बताया गया कि इन बसों को ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं चलाया जाएगा। हालांकि रामपुर क्षेत्र में कुछ बसें कुमारसैन और कोटगढ़ के लिए चलाई गई हैं।
सबसे अधिक हमीरपुर में खड़ी हैं ये बसें
लो फ्लोर की ये बसें सबसे अधिक हमीरपुर में खड़ी हैं। पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली के कार्यकाल में सैकडों बसें खरीदी गईं। इसमें से अभी तक ये शिमला और धर्मशाला में ही चलाई चलाई गईं, जबकि सैकड़ों बसें हमीरपुर के समीप खड़ी हैं।
जेएनयूआरएम के तहत पिछले कई सालों से खड़ी बसों को चलाने का निर्णय लिया है। 325 में से पहले चरण में 100 बसें चलाएंगे। पूर्व सरकार की लापरवाही के कारण आज ये बसें खड़ी हैं।
-गोबिंद सिंह ठाकुर परिवहन मंत्री