चेतनलता। जंजैहली
हिमाचल के बूढ़े केदार के नाम से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पर इस बार वार्षिक पर्व का आयोजन नहीं हुआ। यह पर्व तीन दिन चलता था। वैश्विक महामारी के कारण इस बार श्रद्धालु बूढ़े केदार में गंगा स्नान करने के लिए नहीं आ सके।
सनातन धर्म सभा बूढ़े केदार के संस्थापक हिमा राम शास्त्री ने बताया कि इस बार कोरोना आपदा की वजह से सनातन धर्म सभा की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी। सामाजिक दूरी बनाए रखने के चलते इस वर्ष इस पर्व को नहीं मनाया जाएगा। यहां पर जून महीने में श्रद्धालु गंगा दशमी व एकादशी को स्नान करते हैं।
श्रद्धालुओं के अलावा यहां देवता भी स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि उत्तराखंड के केदारनाथ की तरह यह बूढ़े केदार भी है, जहां सदियों से गंगा दशमी पर स्नान होता है।