पंकज। ज्वालामुखी
अधवानी पंचायत के वार्ड नंबर-7 टोरू गांव के लोग आज भी पत्थरीले रास्ते व बांस की पुलिया से होते हुए शमशानघाट तक अर्थी को लेकर पहुंचते हैं।
इस बीच रास्ते का निर्माण न होने के चलते कंधों पर अर्थी को ले जाने के लिए लोगों को नुकीले और फिसलन भरे पत्थरों से होते हुए शमशानघाट तक पहुंचना जोखिम भरा रहता है। पत्थरों के बीच से जाते हुए जरा भी पैर यहां से वहां हुआ तो कोई भी चोटिल हो सकता है।
मंगलवार को क्षेत्र में एक 90 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई। इस दौरान रास्ता न बनने के चलते अर्थी को शमशानघाट तक ले जाते समय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
युवा मंडल अधवानी सचिव यशविंद्र सिंह (मोंटी) ने बताया कि बीते 10 वर्षों से लोग शमशानघाट के लिए रास्ता बनाने की मांग पंचायत प्रतिनिधियों से कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मात्र आश्वासन ही मिले हैं।
यशविंद्र सिंह का कहना है कि पंचायत चुनावों के दौरान कई लुभावने वादे यहां किए गए थे, लेकिन आज धरातल पर हकीकत सबके सामने है कि जब किसी की मौत होती है तो इस ऊबड़-खाबड़ भरे रास्ते से होते हुए लोगों को शमशानघाट तक पहुंचने के लिए कितनी परेशानी होती है।
उनका कहना है कि यहां 150 से ज्यादा लोगों की आबादी है और शमशानघाट जाते समय जो बेहद खराब रास्ता है, वह लगभग 150 से 200 मीटर है। उनका कहना है कि एक जगह 12 महीने यहां पानी रहता है जिसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा यहां बांस की एक छोटी सी पुलिया बनाई गई है, जिसे पार करते हुए लोग शमशानघाट तक पहुंचते हैं।
उन्होंने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों से मांग उठाई है कि उक्त जगह पर एक पुलिया बनाई जाए, साथ ही जो रास्ता पत्थरों से भरा है, उसे ठीक करवाया जाए, ताकि लोगों को शमशानघाट तक पहुंचने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अब लोगों को नई पंचायत से काफी उम्मीदें हैं कि वह जल्द ही क्षेत्र की उनकी इस मांग को पूरा करेगी।