शैलेश सैनी : नाहन।
नाहन बस अड्डा पार्किंग को लेकर विवाद पैदा होना शुरू हो गया है। पर्यटक गोविंद सिंह, राजेंद्र ठाकुर आदि का कहना है कि गेट के बाहर पार्किंग को लेकर शुल्क आदि या नियमों का कोई बोर्ड आदि नहीं लगा है। यही नहीं किसी बुजुर्ग व्यक्ति को बस अड्डे पर अगर छोड़ना हो तो उसके भी पार्किंग संचालक पैसे वसूल लेते हैं। पार्किंग किए गए अधिकतर वाहनों को पार्किंग की पर्ची भी नहीं दी जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि एक तरफ कोविड को लेकर के प्रोटोकॉल नियमों का ध्यान रखा जाता है बावजूद इसके पार्किंग संचालक इन नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ना तो सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखा जा रहा है और ना ही पार्किंग काउंटर पर सैनिटाइजर आदि रखा गया है। नियमानुसार बस स्टैंड के बाहर पार्किंग होल्डर का बोर्ड भी लगा होना चाहिए। ना तो वहां पर बाहर कोई बोर्ड लगा है और ना ही पार्किंग शुल्क आदि लिखा गया है।
पार्किंग स्थल के आसपास गंदगी भी बुरी तरह से फैली हुई है। जबकि जिस जगह की पार्किंग ली जाती है उस स्थान की सफाई आदि की जिम्मेवारी भी पार्किंग होल्डर की होती है। लोगों का कहना है कि पार्किंग संचालक के द्वारा पार्किंग के मनमाने दाम वसूले जाते हैं। उसकी एवज में प्रति भी नहीं दी जाती है। हैरानी तो इस बात की है कि जिस व्यक्ति ने इस पार्किंग का ठेका लिया हुआ है उस व्यक्ति के द्वारा एचआरटीसी की शॉप का लाखों रुपया भी देना बाकी है। बावजूद इसके डिफॉल्टर व्यक्ति को बस अड्डा की पार्किंग भी अलाट कर दी गई है।
पार्किंग संचालक के द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ओवरचार्जिंग के रूप में अवैध वसूली की जाती है। यही नहीं जिस व्यक्ति के नाम उस पर एचआरटीसी का लाखों रुपया भी बकाया है। बावजूद इसके डिफॉल्टर व्यक्ति को बस अड्डा की पार्किंग की अलॉटमेंट की गई है।