गाय के गोबर से खाद और गोमूत्र कीटनाशक तैयार कर रहे किसान
900 किसानों में से 600 ने छोड़ी रसायनिक खेती
चेतनलता। जंजैहली : कृषि विभाग जंजैहली की प्राकृतिक खेती की मुहिम पर आम किसान भी काम करने लगा है। विभाग ने 900 किसानों के साथ ये मुहिम शुरू की थी, जिसमें से 600 किसानों ने रसायनिक खेती करना ही छोड़ दी।
जंजैहली के बायला गांव में इस खेती के जरिए जहां आम जरूरत की सब्जियां उगाई जा रही हैं, वहीं लोग अब पुरानी पारंपरिक फसलों जिनमें कोदरा, बिथु, जौई और कई प्रकार की फसलें भी उगा रहे हैं, जबकि कई किसानों ने तो पहाड़ में भी गन्ना उगा दिया है। लोगों ने जहरीले रयायनों के बजाए देसी गाय के गोबर से खाद और गोमूत्र से कीटनाशक तैयार कर रहे। ऐसे में जहां गौ सरंक्षण हो रहा है, वहीं अपने गांव में ही प्राकृतिक खाद और कीटनाशक भी तैयार हो रहे ।
प्राकृतिक खेती के लिए महिलाओं ने भी कृषक महिला ग्रुप बनाए हैं। ऐसे में पहाड़ के किसान अब फिर से पहले की तरह प्राकृतिक खेती की तरफ लौटे हैं। जबकि आने वाले दिनों में सराज प्राकृतिक खेती का हब बनने जा रहा है। किसान भी इस खेती को लेकर ख्ुाश है। क्योंकि इस खेती से उन्हें अच्छी कमाई हो रही है।
कृषि विभाग भी इस खेती केे कामयाब होने पर किसानों को इसका श्रेय दे रहा है। वहीं इस बारे में कृषि विभाग के बीटीएम सुरेश कुमार ने बताया कि जंजैहली खंड की सभी पंचायतों में प्राकृतिक खेती हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को अनुदान के साथ प्रशिक्षण भी दे रही है। उन्होंने कहा कि अब किसान जागरूक होकर प्राकृतिक खेती अपना रहा हैं।