संतोष कौशल। अंब
स्कूल में गुरुजनों से सीखा ज्ञान ही सफलता की कुंजी है। स्कूल में पढ़ाई करने के बाद घर में उस पर अभ्यास करना यह दिनचर्या का हिस्सा था। स्कूल से घर लौटकर मात्र दो घंटे के लिए अपने आप को विश्राम देती थी। उसके बाद रात्रि एक से दो बजे तक पढ़ाई प्रतिदिन करना नियमित था। यह कहना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ठठल खंड अंब जिला ऊना की हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के कामर्स संकाय में नंबर बन रही तनीषा भारद्वाज का है।
तनीषा के पिता त्रिभुवन कुमार निजी उद्योग में सुपरवाइजर हैं और माता सीमा देवी गृहणी है। बेटी तनीषा को पढ़ाई में हमेशा अच्छा के करने के लिए स्वजनों सहित शिक्षकों ने प्रेरित किया। तनीषा ने प्रदेश भर में कामर्स संकाय में 98 प्रतिशत यानि पांच सौ में से 490 अंक हासिल किए हैं। अब वह चाटर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं। इसके लिए अभी से योजना बना रही है।
तनीषा भारद्वाज बताती हैं कि लोगों के मन में अकसर धारणा रहती है कि सरकारी स्कूल के बच्चों ज्यादा नहीं कर पाते। लेकिन मन में पढ़ाई को लेकर जुनून और लग्न हो तो अव्वल पड़ाव कदम चूमते हैं। तनीषा ने बताया कि जब स्कूल में फाइनल एग्जाम हुए थे, तो पूर्ण विश्वास था कि अब टाप करुंगी। सफलता पर इसलिए मान है कि इस सफलता को बिना टयूशन और कोचिंग हासिल किया है।
–संतोष कौशल, अंब।