शिमला:
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर एक-दूसरे की खूब घेरेबंदी की। कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने चर्चा में भाग लेते हुए जब आरएसएस का उल्लेख किया तो सत्तापक्ष ने उस पर आपत्ति जताई।
लखनपाल ने कहा कि संघ कार्यालयों में तिरंगा नहीं बल्कि भगवा ही लहराया जाता है। इस बात पर सत्तापक्ष के सदस्य बिफर गए और सदन में मौहाल गरमा गरमा गया। इस बीच वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर ने भी सदन में अपनी बात रखी और कहा कि संघ पर चर्चा करना उचित नहीं हैं, यह सामाजिक संगठन है तथा संघ से निकले सदस्य आज देश के राष्ट्रपति, पीएम और उप राष्ट्रपति बने हैं।
विपक्ष की तरफ से विधायक जगत ङ्क्षसह नेगी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सभी सदस्यों को सदन में किसी भी संगठन और संस्था पर बोलने को पूरा अधिकार है, इसे कोई छीन नहीं सकता। सत्तापक्ष की तरफ से विधायक राकेश पठानिया ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएए और एनपीआर पर बार-बार उल्लेख किया जा रहा रहा है, ऐसे में इस पर डिबेट हो, ताकि वास्तविकता का सभी का पता लगे।
हर्षवर्धन बोले, दिल्ली किसने जलाई ?
राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष सदस्यों ने जहां दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा का मामला सदन में जोर-शोर से उठाया, वहीं सत्तापक्ष के सदस्यों ने पूर्व सरकार के कार्यकाल पर निशाना साधा और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली जल रही है।
उन्होंने पूछा इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उनका कहना था कि लाल कृष्ण अडवाणी की एक किताब में साफ कहा है कि आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा है। देश में 29 राज्य थे, जिसे घटाकर मोदी सरकार ने 28 कर दिया है। उनका कहना था कि आज देश में प्रजातंत्र खत्म हो रहा है, क्योंकि किसी को सवाल पूछने का अधिकार नहीं। भाजपा अपने एजेंडे पर काम कर रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि निजी विवि में ड्रग माफिया चल रहा है, जो बच्चों को एडमिशन दिलाकर एक गिरोह चला रहे हैं और यह प्रदेश के लिए चिंता की बात है।
अब क्यों नहीं करते 69 एनएच की चर्चा: नंदलाल
विधायक नंदलाल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि प्रदेश में अब 69 एनएच की चर्चा ही बंद हो गई है। रेल नेटवर्क और हवाई सेवा विस्तार की केवल बातें ही रह गई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की दूरदशी सोच से ही हिमाचल आज शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ा है।
कर्ज लेना बुरी बात नहीं, लेकिन इसका इस्तेमाल विकास कायों में ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जनमंच पर फिजूलखर्ची कर रही है। उन्होंने कहा कि जनमंच से रोजमर्रा के काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि पूरा जिला प्रशासन कभी जनमंच तो कभी प्री जनमंच में व्यस्त रहता है। चर्चा में विधायक प्रकाश राणा और इंद्र ङ्क्षसह गांधी ने भी भाग लिया।